मधुलिका का चरित्र चित्रण कीजिए
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मधुलिका का चरित्र चित्रण |
Explanation:
- मधुलिका जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित पुरस्कार लेख में एक ऐसी पात्र है जो अपने आदर्शों के लिए अपने जीवन की संभावनाओं को समर्पित कर देती है।
- मधुलिका एक स्वाभिमानी और देश भक्ति।वह अपनी भूमि से इतना अधिक प्रेम करती है कि उसे कभी नहीं बेचना चाहती।
- मधुलिका एक बहुत ही परिश्रमी और श्रम करके जीवन यापन करने वाली स्त्री है । यह एक विवेकपूर्ण नारी है यही कारण है कि जिस वजह से उन्होंने राजकुमार अरुण द्वारा प्रस्तुत प्रेम प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया।
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मधुलिका का चरित्र चित्रण कीजिए
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Answer: प्रसाद जी द्वारा रचित पुरस्कार कहानी में मधुलिका एक ऐसी पात्र हैं जो अपने आदर्शों की पृष्ठभूमि पर अपनी मानव सुलभ भावनाओं का समर्पण कर देती है । वह एक स्वाभिमानी तथा देशभक्ति से ओतप्रोत कोशल देश की ललना है । उसे अपने पुरखों की भूमि से इतना प्रेम है कि वह उसे बेचना नहीं चाहती।
वह परिश्रमी है और श्रम करके अपना जीवनयापन करती हैै । वह एक विवेकपूर्ण मानिनी है यही कारण है कि वह राजकुमार अरुण के प्रीत -प्रस्ताव को आरंभ में ठुकरा देती है | कालांतर में मधुलिका राजकुमार अरुण के इस प्रेम -निवेदन को मान्य करती है तथापि देश की अस्मिता और पिता की गौरवशाली परंपरा को विस्मृत करना उसकी प्रकृति के विरुद्ध होता हैै ।
अतएव स्वयं के इस अन्तर्द्वंद को लेकर वह अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़कर स्वयं को ही बंदी बनवा लेती है | पुरस्कार स्वरुप कोशलनरेश से स्वयं के लिए प्राणदंड मांगकर अरुण के समीप भी खड़ी हो जाती है । वस्तुत: वह कर्मपथ पर अग्रसर होकर अपनी प्रेम निष्ठा का, मृत्युदंड को पुरस्कार मे मांगकर निर्वहन भी कर देती है ।
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