Hindi, asked by prashastprajapati, 10 months ago

मधुर वाणी शत्रु को भी मित्र बना देती है। पर सुलेख लेखन (in hindi)​

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मधुर वाणी पर अनुच्छेद (Paragraph)

ऐसी वाणी बोलिये, मन का आपा खोये।

औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होये।।

कबीर के इस दोहे से मधुर वाणी का बोलने का महत्व और संदेश मिलता है। मधुर वाणी एक सम्मोहन के समान है जिसके द्वारा हम किसी को भी मोहित कर सकते हैं और उससे अपना मनचाहा कार्य करा सकते हैं। मधुर वाणी एक हथियार के समान है जिसके माध्यम से किसी पर भी विजय पाई जा सकती है, किसी के भी मन को जीता जा सकता है। मधुर वाणी एक सद्गुण है इसको धारण करने वाले को सब पसंद करते हैं। कोयल अपने मधुर स्वर के कारण ही सबके द्वारा पसंद की जाती है जबकि उसी के समान रंग-रूप होने के बावजूद कौवा अपने कर्कश स्वर के कारण लोगों द्वारा नापसंद किया जाता है। यह मधुर वाणी का ही जादू है।

सोचिए आप किसी व्यक्ति के पास जाते हैं और अकड़कर उससे बोलते हैं- ‘सुन ए मेरा यह काम कर दे’ तो वह व्यक्ति क्या आपका काम करेगा। लेकिन आप अगर मधुर वाणी में उससे बोलेंगे- ‘सुनिए भाई साहब क्या आप मेरे इस काम में  मेरी सहायता कर सकते हैं’ तो वो व्यक्ति ना नहीं कर पाएगा

मधुर वाणी से शत्रुओं को भी मित्र बनाया जा सकता है और कटु वचनों से मित्र भी शत्रु बन जाते हैं। इसलिये सदैव मधुर वाणी का प्रयोग करें जिससे चारों तरफ प्रेम की धारा बहे नफरत की नही।

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