Hindi, asked by amit919806, 1 year ago

mathrubhumi par Kavita

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Answered by Abhik05
12

मातृभूमि की यही कहानी |

नित नव पल्लव सूख रहे हैं,

स्वप्न हृदय के टूट रहे हैं |

उपवन कैसे अस्त-व्यस्त है,

नहीं नजर आता रँग धानी |

आजादी के अंकुर फूटे,

सत्य मार्ग से रिश्ते टूटे |

भ्रष्टाचार, कुरीति फली है,

बढ़ती दिन-दिन है हैवानी |

मातृभूमि की यही कहानी |

प्रहरी कैसे लुप्त हो गए,

पुष्प खिले वे कहाँ खो गए |

उनको खिला सके न कोई,

नहीं सरों में इतना पानी |

मातृभूमि की यही कहानी |

याद मनुज माली को करता,

पीर अगाध हृदय में भरता |

कोई ऐसा नहीं बचा जो,

लिखे देश की नयी कहानी |

मातृभूमि की यही कहानी |

– कुलदीप पाण्डेय आजाद

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Answered by CutyRuhi
6

मैं भारत का इक प्यादा हँू, हर ओर अमन मैं चाहता हूँ

जो धर्मों को लड़वाता है, निर्दोषों को मरवाता है

उस खल की निंदा करता हूँ

मैं भारत का इक प्यादा हँू, हर ओर अमन मैं चाहता हूँ

जो दया सभी पर करता है, जो भला सभी का करता है

हर-क्षण उसके ही गुन गाता हूँ

मैं भारत का इक प्यादा हँू, हर ओर अमन मैं चाहता हूँ

जो दंगो को भड़काता है, मानव का रक्त बहाता है

मैं उसके कल से डरता हूँ

मैं भारत का इक प्यादा हँू, हर ओर अमन मैं चाहता हूँ

जो ईद-दिवाली मनाता है, सबको मानवता सिखलाता है

मैं आगे उसके नतमस्तक हूँ

मैं भारत का इक प्यादा हुँ, हर ओर अमन मैं चाहता हूँ

– NAWAZ ANWER KHAN

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