Hindi, asked by sonu6522, 11 months ago

meaning of the poem Dharti Ka Aangan maheke in Hindi

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Answered by bhatiamona
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“धरती का आंगन” महके कविता ‘डॉ प्रकाश दीक्षित’ द्वारा लिखी गई कविता है। इस कविता का भावार्थ इस प्रकार है...

भावार्थ — कवि कहता है कि धरती का आंगन कर्मरूपी ज्ञान और विज्ञान की सुगंध से महक उठे। चारों तरफ ज्ञान की ऐसी सरिता प्रवाहित हो कि खेत-खलिहान, बाग-बगीचे, नगर-गाँव सब खिल उठें। लोगों के मन में नित नई-नई अभिलाषायें उत्पन्न हों और उनकी वो सारी अभिलाषायें पूर्ण हों। उनके विश्वास दृढ़ हों। तरह-तरह की कला और शिल्प कला से धरती के वक्ष स्थल पर हार सुशोभित हों। यह धरती फलों आदि से चारों तरफ हरियाली ही हरियाली हो। मानव जो चंद्रग्रह और मंगल ग्रह पर पहुंच चुका है।

वह मानवता को बरकरार रखे और परमाणु बम जैसे विनाशक हथियारों से तौबा कर ले। चारों तरफ लोगों का आचरण शुद्ध हो वह सदाचार से जीवन जिएं। लोग कर्मठ बनें और परिश्रम से अपना जीवन-यापन करें। चारों तरफ प्रतिभा का डंका बजे। लोग अपनी प्रतिभा से, अपनी योग्यता से नई-नई ऊंचाइयों छूयें। मानवता नित नए कीर्तिमान बनाकर, नए नए मापदंड स्थापित करें। सब लोगों में प्रेम का संचार हो, जिससे सब की आत्मा तन-मन-धन निर्मल हो और हम सब मिलकर रहें।

इस कविता में सबके सुख और भलाई की कामना करता हुआ सकारात्मक बातें कर करके लोगों को प्रेरित कर रहा है।

Answered by toavinash979
51

Answer:

“धरती का आंगन” महके कविता ‘डॉ प्रकाश दीक्षित’ द्वारा लिखी गई कविता है। इस कविता का भावार्थ इस प्रकार है...

भावार्थ — कवि कहता है कि धरती का आंगन कर्मरूपी ज्ञान और विज्ञान की सुगंध से महक उठे। चारों तरफ ज्ञान की ऐसी सरिता प्रवाहित हो कि खेत-खलिहान, बाग-बगीचे, नगर-गाँव सब खिल उठें। लोगों के मन में नित नई-नई अभिलाषायें उत्पन्न हों और उनकी वो सारी अभिलाषायें पूर्ण हों। उनके विश्वास दृढ़ हों। तरह-तरह की कला और शिल्प कला से धरती के वक्ष स्थल पर हार सुशोभित हों। यह धरती फलों आदि से चारों तरफ हरियाली ही हरियाली हो। मानव जो चंद्रग्रह और मंगल ग्रह पर पहुंच चुका है।

वह मानवता को बरकरार रखे और परमाणु बम जैसे विनाशक हथियारों से तौबा कर ले। चारों तरफ लोगों का आचरण शुद्ध हो वह सदाचार से जीवन जिएं। लोग कर्मठ बनें और परिश्रम से अपना जीवन-यापन करें। चारों तरफ प्रतिभा का डंका बजे। लोग अपनी प्रतिभा से, अपनी योग्यता से नई-नई ऊंचाइयों छूयें। मानवता नित नए कीर्तिमान बनाकर, नए नए मापदंड स्थापित करें। सब लोगों में प्रेम का संचार हो, जिससे सब की आत्मा तन-मन-धन निर्मल हो और हम सब मिलकर रहें।

इस कविता में सबके सुख और भलाई की कामना करता हुआ सकारात्मक बातें कर करके लोगों को प्रेरित कर रहा है।

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