mein teacher banna chahti hoon isper nibhandh
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hey
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मेरे जीवन का लक्ष्य एक सफल और विनम्र शिक्षक बनना है क्योंकि एक शिक्षक ही ही होता है जो कि इस दुनिया के सभी व्यक्तियों को अशिक्षा के अंधकार से शिक्षा के प्रकाश की ओर ले कर जाता है. शिक्षक के बिना शिक्षा देना संभव नहीं है और जो व्यक्ति शिक्षित नहीं होता है वह कभी अपना जीवन सही प्रकार से यापन नहीं कर पाता है.
मेरा लक्ष्य सिर्फ एक शिक्षक बनना ही नहीं है मेरा लक्ष्य यह है कि मैं शिक्षक बनकर अशिक्षित लोगों को शिक्षित बनाऊ और उन्हें जीवन जीने के लिए एक अच्छा मार्ग भी सुझाऊ. मेरे आदर्श शिक्षक डॉ. राधाकृष्णन रहे है जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत काम किया है और अनेकों लोगों को शिक्षित भी किया है.
वह हमारे देश के राष्ट्रपति भी रह चुके है. उनके जैसा विनम्र स्वभाव और अनेक गुणों से भरे हुए शिक्षक को मैंने आज तक नहीं देखा है. उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों को शिक्षित करने में ही लगा दिया उनके जैसा कोई और नहीं हो सकता मैं भी उनके सुझाए हुए मार्ग पर चलकर उनके जैसा ही एक अच्छा और सच्चा शिक्षक बनना चाहता हूं.हमारे देश में आज भी ज्यादातर लोग अशिक्षित ही हैं जिसके कारण ना तो लोगों का मानसिक विकास हो पाता है और ना ही देश का विकास हो पाता है. हमारे देश में अशिक्षा के कारण गरीब लोगों को लूट लिया जाता है और अशिक्षा होने के कारण हमारे समाज में कई ऐसी कुरुतिया और पुरानी मान्यताएं व्याप्त है जिनके कारण लोग पढ़ना नहीं चाहते है
इसी कारण हमारे देश में आज भी अंधविश्वास फैला हुआ है. जिसके कारण न जाने कितने लोगों का जीवन बर्बाद हो जाती है. अंधविश्वास फैलने का सिर्फ एक ही कारण है कि लोग शिक्षित नहीं होते है और वे कुछ ऐसे लोगों के बहकावे में आ जाते हैं जो कि सिर्फ अपना स्वार्थ देखते हैं और लोगों को भड़काने का काम करते है.
मैं शिक्षक बनकर शिक्षा का एक दीप जलाना चाहता हूं जिससे हमारी समाज में फैली हुई कुरीतियों और अंधविश्वास का नाश किया जा सके.
मैंने बचपन में ही यह ठान लिया था कि मैं बड़ा होकर एक अच्छा शिक्षक बनूंगा क्योंकि मैंने हमारे गांव में देखा था कि काफी गरीब बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं और कुछ पढ़ने की कोशिश करते हैं तो उन्हें समाज के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रोक लिया जाता है और उनसे बाल मजदूरी करवाई जाती है यह देख कर मुझे गुस्सा तो बहुत आता था लेकिन मैं कुछ कर नहीं पाता था.
लेकिन मैंने एक बात जरूर जान ली थी कि अगर सभी लोग शिक्षित हो जाएं तो हमारी समाज की सभी बुराइयां मिटाई जा सकती हैं और एक नए भारत का निर्माण किया जा सकता है.
मैं शिक्षक बनकर बड़े, छोटों और बुजुर्गों सभी को शिक्षित करना चाहता हूं यह मेरे जीवन का परम लक्ष्य है और मैं इसे पा कर ही रहूंगा. मैंने आज 21वीं सदी के भारत में भी देखा है कि लड़कियों को अधिक नहीं पढ़ाया जाता है उन्हें यह पढ़ाई कर पढ़ाई नहीं करने दिया जाता है कि उन्हें आगे जाकर सिर्फ घर का काम ही करना है.
मैं ऐसे लोगों को शिक्षक बनकर समझाना चाहता हूं कि लड़कियां भी पढ़ लिखकर लड़कों की तरह पूरे विश्व में आपका नाम रोशन कर सकती हैं और हमारे देश की लड़कियों ने ऐसा किया भी है न जाने फिर भी लोग लड़कियों को क्यों नहीं पढ़ाते है.
मैं एक शिक्षक इसलिए भी बनना चाहता हूं ताकि लोगों को शिक्षा देकर मैं समाज की सेवा भी कर सकूं और लोगों को जान भी पाऊं उनकी सोच किस प्रकार की है अगर उनकी सोच गलत है तो मैं उन्हें शिक्षा का पाठ पढ़ा कर उनकी सोच बदल सकता हूं मेरे जीवन का लक्ष्य धन दौलत कमाना नहीं है क्योंकि धन-दौलत तब तक काम की नहीं है जब तक लोग शिक्षित ही नहीं होंगे.
मैं मानता हूं कि एक शिक्षक के ऊपर बहुत सी जिम्मेदारियां होती है लेकिन मैं उन सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाना चाहता हूं एक शिक्षक पर परिवार के साथ-साथ पूरे देश के लोगों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी भी होती है और यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसको शिक्षक बड़े ही सरल स्वभाव से निभाता है.
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