mera pyara desh pr nibandh in Hindi plz
aaru6569:
hi Anjali
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HOPE IT WILL HELP YOU
PLEASE MARK ME AS A BRAINLIST
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देश का प्राचीन इतिहास : हमारा भारत बहुत प्राचीन देश है। हमारे भारत का इतिहास स्वर्णिम रहा है। ऐसा भी एक समय था जब इसे सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। भारत देश धन और सौन्दर्य से वषिभुत हुआ करता था। भारत ने ही ज्ञान की किरण पुरे संसार में फैलाई थीं। ज्ञान के क्षेत्र में पूरा विश्व भारत का ऋणी है। इसी पर तो विज्ञान का ढांचा टिका हुआ है।
ज्ञान का भंडार होने की वजह से ही भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। भारत पर मुगलों और अंग्रेजों ने अपना राज्य स्थापित किया था और इसे लुटा था। हमारे देश ने हजारों वर्षों तक गुलामी की थी। भारत में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया था जिन्होंने देश को सत्य और अहिंसा से परिचित कराया था। लेकिन हमारे वीर योद्धा और क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजाद करा लिया था और आज के समय में हमारा देश उन्नत और शक्तिशाली बनता जा रहा है।
भारत ण कई आक्रमणों को झेला लेकिन भारत रहा है और आगे भी रहेगा। भारत की कहानी भावनाओं से ओत-प्रोत है। इस भारत ने केवल कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया था इसने अनेक ऐसा महापुरुषों को जन्म दिया था जो हमेशा के लिए अमर हो गये हैं। दक्षिण भारत का एक भाग पठारी है। संकीर्ण जातिगत भावनाएँ मिटा दी गई और जनता का शासन शुरू हो गया। लोकतंत्र से भारत को बहुत लाभ हुआ था।
भारत विविधताओं का देश : हमारा भारत विविधताओं का देश है। भारत में विभिन्नता में एकता दिखाई देती है। भारत में अनेक राज्य हैं और हर राज्यों से अलग-अलग संस्कृतियाँ जुडी हुई है। हमारे देश में पहाड़ियाँ हैं तो समुद्र भी हैं , हरियाली है तो रेगिस्तान भी हैं। हमारे भारत में गर्मी,सर्दी ,बसंत, पतझड़ सभी ऋतुएं आती हैं।
यहाँ पर हर धर्म के लोग मिलजुलकर रहते हैं। हमारे भारत में मन्दिर , मस्जिद , गुरुद्वारा और गिरजाघर भी बने हुए हैं। हमारे भारत में अनेक भाषाएँ बोलने वाले लोग रहते हैं। यहाँ पर खान -पान , रहन-सहन ,वेश-भूषा ,धर्म और विचारों में विविधता है। हमारे भारत के लोग एक परिवार की तरह रहते हैं और ‘ वसुधैव कटुम्बकम् ‘ की भावना में विश्वास रखते हैं।
भारत की यह विविधता ही हमारे देश की शान और उन्नति का कारण है। भारत में तरह-तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। यहं पर सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार प्राप्त हैं। सभी धर्मों को समान नजरों से देखा जाता है। यहाँ पर धर्मों के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। हमारा भारत अन्न, फल ,सब्जी , दालों से किसान ही देश के वासियों को पालता है।
इसे देश के किसानों की पूजा कर्म होता है। रत्न और हीरों की खाने , कोयले के भंडार , लोहा और युरेनियम धातुओं की गुफा हमारे भारत की मिटटी के नीचे छिपी हुई हैं। हमारे भारत देश से ही बहुत से देश कपड़ा , कल-पुर्जों का निर्यात करते हैं। हमारा भारत एशिया महाद्वीप में तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है। भारत विश्व की बहुत बड़ी आर्थिक शक्ति बन गई है।
आज भारत की विकास दर तेजी से बढ़ रही है। हमारे देश की सेनाएँ देश की रक्षा करने में संगलन है। स्वतंत्रता मिलने के बाद हिंदी को देश की राष्ट्र भाषा बनाया गया है। आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागु किया गया था और हमारा देश गणतन्त्र हुआ था।
प्राकृतिक सौन्दर्य :- भारत का सौन्दर्य ऐसा है जो सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर कश्मीर का नजारा स्वर्ग की तरह का होता है और केरल की हरियाली मन को आनन्द देती है और मन मोह लेती है। यहाँ पर सही ऋतुएँ समय पर आती हैं और धरती को अपनी अनूठी छटाओं से सजाती हैं।
भारत का स्वरूप जितना विशाल और और भव्य है उसका मन उतना ही उन्नत और उदार है। भारत में कश्मीर स्वर्ग की तरह सुंदर लगता है। भारत में ऐसे दृश्यनीय स्थल है जिससे प्रकृति की सुन्दरता में चार-चाँद लग जाते हैं। उनकी सुन्दरता से प्रकृति बहुत ही सुंदर लगती है। भारत के राष्ट्रीय पक्षी और पशु भारत को बहुत ही सुंदर बनाते हैं।
जब पक्षियों की आवाजें सुबह-सुबह सुनाई देती हैं तो ऐसा लगता है जैसे प्रकृति गा रही हो। मिटटी से बहुत ही अच्छी सुगंध आती है जो मन को मोह लेती है। हमारे देश की जन और देश की संस्कृति बहुत ही अनोखी है। भारत के अनेक प्रकार के फूलों से प्रकृति सुगंधित हो उठती है। भारत की जलवायु उष्ण है इसी वजह से प्रकृति में नमी छाई रहती है। प्राचीन समय में सब कुछ संतुलित था और लोग खुश थे। कृषि के क्षेत्र में प्रगति हो रही है।
उपसंहार : आज के समय में भारत हर क्षेत्र में आत्म-निर्भर हो गया है। देश के उद्योग धंधों में जल सा बिछा हुआ है और भारत को विश्व में विकासशील देश में अग्रणी स्थान प्राप्त हैं। लेकिन दुर्भाग्य से हर क्षेत्र में संपन्नता होने के बाद भी भारत का वर्तमान बहुत निराशा से भरा हुआ है। आज के समय में भारत में धर्म ,जाति के नाम पर झगड़े होते रहते हैं।
भ्रष्टाचार ने अपने चारों तरफ पाँव फैला लिए हैं। आज महंगाई आसमान को छू रही है। इस तरह मेरा भारत अनेक तरह की परेशानियों से घिरा हुआ है। भारत के प्रति हमारा कर्तव्य हैं कि इस परेशानियों को दूर करने में अपना योगदान दें। इससे देश अपना गौरव फिर से प्राप्त कर सकेगा।
भारत में जनसंख्या की समस्या बढती ही जा रही है मनुष्य को इसमें भारत को अपना योगदान देना चाहिए। कुछ लोग भारत के संविधान का गलत फायदा उठा रहे हैं। वे लोग भारत की पुराणी मान्यताओं और संस्कृति पर वार करते जा रहे हैं। लोगों को इन समस्याओं को समझाना होगा। लोगों को देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
hope it's help for you
thank you
ज्ञान का भंडार होने की वजह से ही भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। भारत पर मुगलों और अंग्रेजों ने अपना राज्य स्थापित किया था और इसे लुटा था। हमारे देश ने हजारों वर्षों तक गुलामी की थी। भारत में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया था जिन्होंने देश को सत्य और अहिंसा से परिचित कराया था। लेकिन हमारे वीर योद्धा और क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजाद करा लिया था और आज के समय में हमारा देश उन्नत और शक्तिशाली बनता जा रहा है।
भारत ण कई आक्रमणों को झेला लेकिन भारत रहा है और आगे भी रहेगा। भारत की कहानी भावनाओं से ओत-प्रोत है। इस भारत ने केवल कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया था इसने अनेक ऐसा महापुरुषों को जन्म दिया था जो हमेशा के लिए अमर हो गये हैं। दक्षिण भारत का एक भाग पठारी है। संकीर्ण जातिगत भावनाएँ मिटा दी गई और जनता का शासन शुरू हो गया। लोकतंत्र से भारत को बहुत लाभ हुआ था।
भारत विविधताओं का देश : हमारा भारत विविधताओं का देश है। भारत में विभिन्नता में एकता दिखाई देती है। भारत में अनेक राज्य हैं और हर राज्यों से अलग-अलग संस्कृतियाँ जुडी हुई है। हमारे देश में पहाड़ियाँ हैं तो समुद्र भी हैं , हरियाली है तो रेगिस्तान भी हैं। हमारे भारत में गर्मी,सर्दी ,बसंत, पतझड़ सभी ऋतुएं आती हैं।
यहाँ पर हर धर्म के लोग मिलजुलकर रहते हैं। हमारे भारत में मन्दिर , मस्जिद , गुरुद्वारा और गिरजाघर भी बने हुए हैं। हमारे भारत में अनेक भाषाएँ बोलने वाले लोग रहते हैं। यहाँ पर खान -पान , रहन-सहन ,वेश-भूषा ,धर्म और विचारों में विविधता है। हमारे भारत के लोग एक परिवार की तरह रहते हैं और ‘ वसुधैव कटुम्बकम् ‘ की भावना में विश्वास रखते हैं।
भारत की यह विविधता ही हमारे देश की शान और उन्नति का कारण है। भारत में तरह-तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। यहं पर सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार प्राप्त हैं। सभी धर्मों को समान नजरों से देखा जाता है। यहाँ पर धर्मों के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। हमारा भारत अन्न, फल ,सब्जी , दालों से किसान ही देश के वासियों को पालता है।
इसे देश के किसानों की पूजा कर्म होता है। रत्न और हीरों की खाने , कोयले के भंडार , लोहा और युरेनियम धातुओं की गुफा हमारे भारत की मिटटी के नीचे छिपी हुई हैं। हमारे भारत देश से ही बहुत से देश कपड़ा , कल-पुर्जों का निर्यात करते हैं। हमारा भारत एशिया महाद्वीप में तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है। भारत विश्व की बहुत बड़ी आर्थिक शक्ति बन गई है।
आज भारत की विकास दर तेजी से बढ़ रही है। हमारे देश की सेनाएँ देश की रक्षा करने में संगलन है। स्वतंत्रता मिलने के बाद हिंदी को देश की राष्ट्र भाषा बनाया गया है। आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागु किया गया था और हमारा देश गणतन्त्र हुआ था।
प्राकृतिक सौन्दर्य :- भारत का सौन्दर्य ऐसा है जो सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर कश्मीर का नजारा स्वर्ग की तरह का होता है और केरल की हरियाली मन को आनन्द देती है और मन मोह लेती है। यहाँ पर सही ऋतुएँ समय पर आती हैं और धरती को अपनी अनूठी छटाओं से सजाती हैं।
भारत का स्वरूप जितना विशाल और और भव्य है उसका मन उतना ही उन्नत और उदार है। भारत में कश्मीर स्वर्ग की तरह सुंदर लगता है। भारत में ऐसे दृश्यनीय स्थल है जिससे प्रकृति की सुन्दरता में चार-चाँद लग जाते हैं। उनकी सुन्दरता से प्रकृति बहुत ही सुंदर लगती है। भारत के राष्ट्रीय पक्षी और पशु भारत को बहुत ही सुंदर बनाते हैं।
जब पक्षियों की आवाजें सुबह-सुबह सुनाई देती हैं तो ऐसा लगता है जैसे प्रकृति गा रही हो। मिटटी से बहुत ही अच्छी सुगंध आती है जो मन को मोह लेती है। हमारे देश की जन और देश की संस्कृति बहुत ही अनोखी है। भारत के अनेक प्रकार के फूलों से प्रकृति सुगंधित हो उठती है। भारत की जलवायु उष्ण है इसी वजह से प्रकृति में नमी छाई रहती है। प्राचीन समय में सब कुछ संतुलित था और लोग खुश थे। कृषि के क्षेत्र में प्रगति हो रही है।
उपसंहार : आज के समय में भारत हर क्षेत्र में आत्म-निर्भर हो गया है। देश के उद्योग धंधों में जल सा बिछा हुआ है और भारत को विश्व में विकासशील देश में अग्रणी स्थान प्राप्त हैं। लेकिन दुर्भाग्य से हर क्षेत्र में संपन्नता होने के बाद भी भारत का वर्तमान बहुत निराशा से भरा हुआ है। आज के समय में भारत में धर्म ,जाति के नाम पर झगड़े होते रहते हैं।
भ्रष्टाचार ने अपने चारों तरफ पाँव फैला लिए हैं। आज महंगाई आसमान को छू रही है। इस तरह मेरा भारत अनेक तरह की परेशानियों से घिरा हुआ है। भारत के प्रति हमारा कर्तव्य हैं कि इस परेशानियों को दूर करने में अपना योगदान दें। इससे देश अपना गौरव फिर से प्राप्त कर सकेगा।
भारत में जनसंख्या की समस्या बढती ही जा रही है मनुष्य को इसमें भारत को अपना योगदान देना चाहिए। कुछ लोग भारत के संविधान का गलत फायदा उठा रहे हैं। वे लोग भारत की पुराणी मान्यताओं और संस्कृति पर वार करते जा रहे हैं। लोगों को इन समस्याओं को समझाना होगा। लोगों को देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
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