Mere Priya Khel par nibandh in Hindi in 1 page
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खेल कई प्रकार के होते हैं । कक्ष के भीतर खेले जाने वाले खैलों को इनडोर गेम्स कहा जाता है, जबकि मैदान पर खेले जाने वाले खेल आउटडोर गम्स कहलाते हैं । अलग-अलग प्रकार के खेल व्यायाम के महत्त्वपूर्ण अंग है । अत: अपनी रुचि एवं शारीरिक क्षमता के अनुकूल ही खेलों का चयन करना चाहिए । खेलकूद आज विभिन्न राष्ट्रों के मध्य सांस्कृतिक मेल-जोल बढ़ाने का एक उत्तम माध्यम बन गया है ।
मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है । आधुनिक युग मैं इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व प्राप्त है । भारत में यह खेल सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है । इस खेल से लोगों को अद्भुत लगाव है । क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या नवयुवक, सभी इसके दीवाने हैं ।
क्रिकेट का जन्म इंग्लैण्ड में हुआ था । इंग्लैण्ड से ही यह खेल रुलिया पहुँचा, फिर अन्य देशों में भी इसका प्रसार हुआ । यह खेल नियमानुसार सर्वप्रथम 1850 ई. में गिलफोर्ड नामक विद्यालय में खेला गया था । क्रिकेट का पहला टैस्ट मैच 1877 ई. में ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न शहर में खेला गया था । भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच इंग्लैण्ड के विरुद्ध सन् 1932 में खेला था । टेस्ट मैच पाँच दिनों का होता है जो दो पारियों में खेला जाता है । टेस्ट मैच के अलावा यह खेल चार दिवसीय, तीन दिवसीय, एक दिवसीय भी होता है । आजकल एक दिवसीय क्रिकेट मैच तथा ट्वेंटी-20 मैच अधिक लोकप्रिय हो गया है । ट्वेंटी-20 मैच तीन-चार घंटे में ही समाप्त हो जाता है ।
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खेल का नाम आते ही मन उत्साह एवं उल्लास से भर उठता है। खेलना-कूदना सभी को अच्छा लगता है, विशेषतः बच्चों द्वारा अपनी रुचि, आयु, पंसद आदि के आधार पर खेलों को पसंद किया जाता है और खेला जाता है। हालाँकि मुझे क्रिकेट सर्वाधिक पसंद है। क्रिकेट को आउटडोर खेलों की श्रेणी में रखा जाता है। यह विश्व के कुछ ही देशों में खेला जाता है, परंतु इसे देखने और पसंद करने वाले बहुत से देश हैं। युवावर्ग इस खेल को पागलपन की हद तक पसंद करता है। जब यह खेल विश्व के दो देशों के | बीच खेला जाता है तो स्टेडियम में मैच न देख पाने वाले लोग टेलीविजन और रेडियो से चिपके होते हैं।
क्रिकेट एक बड़े-से मैदान में खेला जाता है। मैदान के बीचोबीच बाईस गज लंबी पिच होती है। इसके निर्धारण के लिए दोनों किनारों पर तीन तीन विकेट खड़े किए जाते हैं। यह दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। इस खेल में निर्णय देने के लिए दो अंपायर भी होते हैं। मैदान के बाहर एक तीसरा अंपायर होता है जो टीवी पर रिप्ले देखकर जटिल मामलों में फैसले देता है। एक टीम के खिलाड़ी मैदान में फैलकर गेंद को बाहर जाने से रोकते हैं और दूसरी टीम के दो खिलाड़ी बल्लेबाजी करते हैं।
क्रिकेट में हार-जीत का फैसला बनाए गए रनों के आधार पर होता है। जो टीम अधिक रन बनाती है या जिस टीम के कम खिलाड़ी आउट होते हैं, वही विजयी घोषित कर दी जाती है। बल्लेबाज द्वारा गेंद को हिट करने पर यदि वह निर्धारित सीमा रेखा छू जाती है तो चार रन और उसके ऊपर से होकर सीमा रेखा से बाहर गिरने पर छह रन माने जाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट को आजकल तीन प्रारूपों में खेला जाता है-टेस्ट मैच, यह पाँच दिनों तक खेला जाता है। प्रत्येक दिन 90 ओवर अर्थात् 540 गेंदें फेंकनी होती हैं। इसमें हार-जीत का फैसला कम हो पाता है। अतः आजकल इसकी लोकप्रियता घटती जा रही है। इसका दूसरा प्रारूप एक दिवसीय मैच है, जिसमें प्रत्येक टीम पचास-पचास ओवर खेलती है। इसमें हार-जीत का फैसला हो जाता है जो बहुत ही लोकप्रिय है। इसका तीसरा प्रारूप टी-20 नाम से प्रसिद्ध है। इसमें प्रत्येक टीम 20-20 ओवर खेलती है। आजकल यह बहुत ही लोकप्रिय है। इसे फटाफट क्रिकेट भी कहा जाता है।
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