mere sapno ka bharat essay with sanket bindu--------------
- prastavna
-bharat ka gauravsaali aitit
-saune ki chidiya
-aaj ka bharat
-upansahar
Answers
भारत का गौरवमयी इतिहास----भारत अत्यन्त प्राचीन देश है। इसका अतीत अत्यंत गौरवाशाली है। भारत की सभ्यता और संस्कृति विश्व में प्राचीनतम है। हमें इस पर गर्व है।भारत देश हमारे लिए स्वर्ग के समान सुंदर है। इसने हमें जन्म दिया। इसके अन्न-जल से हमारा पालन-पोषण हुआ। इस देश का नाम भारतवर्ष है। आधुनिक भारत उतर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ है। उत्तर में हिमालय का पर्वत भारतमाता के समान सुशोभित है तथा दक्षिण में हिन्द महासागर इसके चरणों को निरंतर धोता है।यहाँ अनेक महापुरूष हो चुके हैं, जिन्होंने मानव को संस्कृति का पाठ पढ़ाया, यहाँ ऋषि हुए, जिन्होंने वेदों का गान किया। राम हुए, जिन्होंने न्यायपूर्ण शासन का आदर्श स्थापित किया। कृष्ण हुए, जिन्होंने गीता का गान करके कर्म का पाठ पढ़ाया।भारत का भविष्य भी अत्यंत उज्जवल है। इस समय भारत इक्कीसवीं सदी में चल रहा है। इस सदी में भारत का भविष्य सुनहरा होगा।
सोने की चिड़िया---भारत प्राचीन काल में सबसे धनी भूमि थी और इसलिए इसे 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था। 17 वीं शताब्दी में, व्यापार सोने के सिक्कों और बार के बदले में किया गया था। यह तथ्य कि बुनियादी ढांचा बनाने के लिए भारत हर संभव धातु से समृद्ध है, भारत के साथ व्यापार एक सस्ता सौदा नहीं था।भारत का नाम गोल्डन बर्ड ’रखने के प्रमुख कारण इसकी प्रचुर मात्रा में कच्चे माल और कीमती पत्थरों की उपलब्धता थी। मौर्य जहाज सीरिया, मिस्र और यूनानियों के रूप में दूर तक चले गए। इस आधार पर प्राचीन भारत एक वैश्विक व्यापार केंद्र था। सोना पहली बार भारत की भूमि में पाया गया था।
आज का भारत----वर्तमान में हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं. जिस प्रकार उन्नीसवीं सदी को ब्रिटेन का समय कहा जाता हैं, बीसवीं सदी को अमेरिकन सदी कहते हैं, उसी प्रकार इक्कीसवीं सदी भारत की हैं. IBM इंस्टिट्यूट फॉर बिज़नेस वेल्यु की रिपोर्ट ‘ इन्डियन सेंचुरी ’ के अनुसार : भारत एक तेजी से बदलने वाली अर्थव्यवस्था हैं. आने वाले वर्षों में भारत को सबसे अधिक उन्नति करने वाले देशों में शामिल किया गया हैं.
आर्थिक क्षेत्र में : आज हमारा देश आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सक्षम हैं. हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्रियों के अनुसार भारत की विकास दर [ Growth Rate ] लगभग 7% हैं, जो इसे सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बनाती हैं और इसी वजह से वर्ष 2024 तक इसे चाइना से भी आगे ले जाएगी. अगर आज भी देखा जाये, तो भारत का स्थान दूसरा ही हैं अर्थात् अर्थव्यवस्था के मामले में हम चाइना के बाद विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति हैं.
उपसंहार----स्वतंत्रता के पश्चात् हमारे देश ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की हैं, जैसे : सामाजिक अर्थव्यवस्था में प्रगति, वैज्ञानिक आविष्कार, सांस्कृतिक रूप में समृद्धि, शिक्षा के क्षेत्र में विकास, खेती के उन्नत तरीके, तकनीकी और विज्ञान का समुचित विकास, चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान, आदि कई क्षेत्र हैं, जिनमें अब हम आगे बढ़ चुके हैं.स्वतंत्रता के बाद प्रारंभ की गयी प्रथम पंचवर्षीय योजना की तुलना में, आज हमारे चिकित्सकों और अस्पतालों में पलंगों की संख्या बढ़कर पहले की तुलना में क्रमशः लगभग 2 गुनी से 6 गुनी हो चुकी हैं. मलेरिया, टी.बी., हैजा [ Cholera ] जैसी बीमारियों से लोग पहले की अपेक्षा कम पीड़ित होते हैं. वही जानलेवा बीमारियों, जैसे : प्लेग, छोटी माता [ Small Pox ], आदि से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई हैं. देश में व्याप्त पोलियो जैसी बीमारी को लगभग हम पूर्णतः ख़त्म कर चुके हैं. देश में औसत आयु बढ़ी हैं और बिमारियों से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई हैं. अब भारत काफी आगे बढ़ चुका है
!!! मेरा भारत महान!!!
प्रस्तावना---भारत एक बहु-सांस्कृतिक, बहुभाषी और बहु-धार्मिक समाज है, जिसने पिछली शताब्दी में विभिन्न क्षेत्रों में स्थिर प्रगति देखी है। मेरे सपनों का भारत वो भारत है जो इससे भी अधिक गति से प्रगति करे और जल्द ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो।
भारत का गौरवमयी इतिहास----भारत अत्यन्त प्राचीन देश है। इसका अतीत अत्यंत गौरवाशाली है। भारत की सभ्यता और संस्कृति विश्व में प्राचीनतम है। हमें इस पर गर्व है।भारत देश हमारे लिए स्वर्ग के समान सुंदर है। इसने हमें जन्म दिया। इसके अन्न-जल से हमारा पालन-पोषण हुआ। इस देश का नाम भारतवर्ष है। आधुनिक भारत उतर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ है। उत्तर में हिमालय का पर्वत भारतमाता के समान सुशोभित है तथा दक्षिण में हिन्द महासागर इसके चरणों को निरंतर धोता है।यहाँ अनेक महापुरूष हो चुके हैं, जिन्होंने मानव को संस्कृति का पाठ पढ़ाया, यहाँ ऋषि हुए, जिन्होंने वेदों का गान किया। राम हुए, जिन्होंने न्यायपूर्ण शासन का आदर्श स्थापित किया। कृष्ण हुए, जिन्होंने गीता का गान करके कर्म का पाठ पढ़ाया।भारत का भविष्य भी अत्यंत उज्जवल है। इस समय भारत इक्कीसवीं सदी में चल रहा है। इस सदी में भारत का भविष्य सुनहरा होगा।
सोने की चिड़िया---भारत प्राचीन काल में सबसे धनी भूमि थी और इसलिए इसे 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था। 17 वीं शताब्दी में, व्यापार सोने के सिक्कों और बार के बदले में किया गया था। यह तथ्य कि बुनियादी ढांचा बनाने के लिए भारत हर संभव धातु से समृद्ध है, भारत के साथ व्यापार एक सस्ता सौदा नहीं था।भारत का नाम गोल्डन बर्ड ’रखने के प्रमुख कारण इसकी प्रचुर मात्रा में कच्चे माल और कीमती पत्थरों की उपलब्धता थी। मौर्य जहाज सीरिया, मिस्र और यूनानियों के रूप में दूर तक चले गए। इस आधार पर प्राचीन भारत एक वैश्विक व्यापार केंद्र था। सोना पहली बार भारत की भूमि में पाया गया था।
आज का भारत----वर्तमान में हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं. जिस प्रकार उन्नीसवीं सदी को ब्रिटेन का समय कहा जाता हैं, बीसवीं सदी को अमेरिकन सदी कहते हैं, उसी प्रकार इक्कीसवीं सदी भारत की हैं. IBM इंस्टिट्यूट फॉर बिज़नेस वेल्यु की रिपोर्ट ‘ इन्डियन सेंचुरी ’ के अनुसार : भारत एक तेजी से बदलने वाली अर्थव्यवस्था हैं. आने वाले वर्षों में भारत को सबसे अधिक उन्नति करने वाले देशों में शामिल किया गया हैं.
आर्थिक क्षेत्र में : आज हमारा देश आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सक्षम हैं. हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्रियों के अनुसार भारत की विकास दर लगभग 7% हैं, जो इसे सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बनाती हैं और इसी वजह से वर्ष 2024 तक इसे चाइना से भी आगे ले जाएगी. अगर आज भी देखा जाये, तो भारत का स्थान दूसरा ही हैं अर्थात् अर्थव्यवस्था के मामले में हम चाइना के बाद विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति हैं.
उपसंहार----स्वतंत्रता के पश्चात् हमारे देश ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की हैं, जैसे : सामाजिक अर्थव्यवस्था में प्रगति, वैज्ञानिक आविष्कार, सांस्कृतिक रूप में समृद्धि, शिक्षा के क्षेत्र में विकास, खेती के उन्नत तरीके, तकनीकी और विज्ञान का समुचित विकास, चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान, आदि कई क्षेत्र हैं, जिनमें अब हम आगे बढ़ चुके हैं.स्वतंत्रता के बाद प्रारंभ की गयी प्रथम पंचवर्षीय योजना की तुलना में, आज हमारे चिकित्सकों और अस्पतालों में पलंगों की संख्या बढ़कर पहले की तुलना में क्रमशः लगभग 2 गुनी से 6 गुनी हो चुकी हैं. मलेरिया, टी.बी., हैजा [ Cholera ] जैसी बीमारियों से लोग पहले की अपेक्षा कम पीड़ित होते हैं. वही जानलेवा बीमारियों, जैसे : प्लेग, छोटी माता [ Small Pox ], आदि से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई हैं. देश में व्याप्त पोलियो जैसी बीमारी को लगभग हम पूर्णतः ख़त्म कर चुके हैं. देश में औसत आयु बढ़ी हैं और बिमारियों से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई हैं. अब भारत काफी आगे बढ़ चुका है