Meri hri bhri Delhi par nibhand
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दिल्ली की ऐतिहासिकता : दिल्ली भारत की एक ऐतिहासिक नगरी है। दिल्ली को ऐतिहासिक रूप से अनंगपाल और पृथ्वीराज की दिल्ली कहा जाता है। ये दिल्ली कभी तो फूलों की सेज पर सोई है और कभी काँटों का ताज पहन कर रोई है। कभी दुल्हनों की तरह सजी है और कभी इसके माथे से सिंदूर मिटाया गया है।
यवन बादशाहों ने भी यहाँ पर अपनी कूटनीति का जाल बिछाया था। कुछ राज वंशों ने इसे संवारा तो कुछ लुटेरों ने इसे लूटा भी और उजाड़ा भी। इस दिल्ली ने तैमूर और नादिरशाह के जन-संहार का करुण दृश्य देखा था। देश-विदेश के अनेक शिल्पियों ने दिल्ली के सौंदर्य को बढाया है। यहाँ पर हर कण-कण में इतिहास की गूंज सुनाई देती हैं।
जब कभी भी अंग्रेजी सरकार की विजय होती थी तब उसका मनोरंजन दिल्ली में ही मनाया जाता था। अंग्रेजों ने यहाँ पर अपनी प्रतिमाएं स्थापित करने की कोशिश की लेकिन वे इस बात को नहीं जानते थे कि दिल्ली भारत के निवासियों की भूमि है। यहीं पर अंग्रेजों के खिलाफ नारे लगे थे और हड़तालें हुई थी।
गाँधी, जवाहर लाल नेहरु और भगत सिंह जैसे देश भक्तों ने स्वतंत्रता की मांग की और अंत में अंग्रेजों को भारत छोडकर जाना ही पड़ा। स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ के कई नेताओं ने दिल्ली का दुबारा से उद्धार किया था। दिल्ली में सभी अंग्रेजी शासन के निशानों को मिटा दिया गया था और भारतीयता के निशानों को स्थापित किया गया था।
भारत का ये नगर दिल्ली सभी देशों और विदेशों के लोगों के लिए भ्रमण की बहुत अच्छी जगह है। भारत सरकार इसे और अधिक सुंदर बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहती है। दिल्ली की सडकें इतनी बड़ी हैं कि हर तरह की गाड़ी इस पर चल सकती हैं। सडकों के दोनों ओर फूल लगें हैं जो सडकों की शोभा बढ़ाते हैं।
दिल्ली की हर सडक किसी-न-किसी वाटिका का बोध करती है। दिल्ली की सडकों पर गाड़ी, बस, स्कूटर, मोटरसाईकिल और ट्रकों को हमेशा देखा जा सकता है। दिल्ली भारत की राजधानी है इसी वजह से यहाँ पर भारत सरकार के प्रमुख कार्यालय भी हैं। दिल्ली की आबादी बहुत अधिक है यहाँ पर एक करोड़ से भी अधिक लोग रहते हैं।
दर्शनीय स्थल : भारत के इस नगर का हर अंग दृश्यनीय है। दिल्ली ऐतिहासिक भवनों के लिए अतुल्य मानी जाती है। यहाँ पर अनेक भव्य इमारतें और चौड़ी सडक भी हैं। दिल्ली में सडक परिवहन के साथ-साथ रेल और वायु परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था है।
यहाँ के बाजारों का अपना ही आकर्षण होता है ये सजे हुए बहुत सुंदर लगते हैं इसी वजह से लोग यहाँ पर घूमते हुए देखे जा सकते हैं। दिल्ली में बहुत से ऐतिहासिक स्थल जैसे – लाल किला, कुतुबमीनार, जंतर-मंतर, जामा मस्जिद, बिरला मंदिर, लोटस टेंपल, मोर्यकालीय लौह स्तंभ, छतर पुर मंदिर, इंडिया गेट, हुमायु का मकबरा, गुरुद्वारा सीसगंज हैं।
चांदनी चौक और कनाट प्लेस की सजावट देखने के योग्य होती है। लोटस टेंपल में सभी धर्मों के लोग बैठकर भगवान को याद करते हैं। लौह स्तंभ में कभी भी जंग नहीं लगता इसकी इसी विशेषता की वजह से यह आकर्षण का केंद्र बन गया है। पुराने किले में पांडवों के अवशेष देखे जा सकते हैं।
दिल्ली के सभी मैदानों की घास आँखों और पैरों के लिए बहुत सुख देती है। दिल्ली का चिड़ियाघर आकर्षण का केंद्र बन चुका है। दिल्ली के चिड़िया घर में अनेक प्रकार के पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं। दिल्ली को उद्योग नगरी कहा जाता है। यहाँ पर हर मोहल्ले में उद्यान देखे जा सकते हैं।
यहाँ पर बड़ी-बड़ी कपड़ों की कंपनियां और अन्य उद्योग धंधे हैं। खेलों के आयोजन से भी दिल्ली की सुंदरता में चार-चाँद लग गये हैं। बड़े-बड़े मॉल्स से दिल्ली की शान और अधिक बढ़ गई है। दिल्ली में लोगों के रहने के लिए बड़ी-बड़ी इमारतें हैं जो आकर्षण का कारण बने हुए हैं।
दिल्ली में देश की राजनीतिक व्यवस्था का प्रमुख केंद्र संसद भवन है। दिल्ली में एक मुगल उद्यान है जो बसंत ऋतु में आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है और इस का आकर्षण का केंद्र गुलाब का फूल है जो यहाँ पर अनेक किस्मों में पाया जाता है। दिल्ली में एक अप्पूघर भी है जो बच्चों की आकर्षण की सैरगाह
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यवन बादशाहों ने भी यहाँ पर अपनी कूटनीति का जाल बिछाया था। कुछ राज वंशों ने इसे संवारा तो कुछ लुटेरों ने इसे लूटा भी और उजाड़ा भी। इस दिल्ली ने तैमूर और नादिरशाह के जन-संहार का करुण दृश्य देखा था। देश-विदेश के अनेक शिल्पियों ने दिल्ली के सौंदर्य को बढाया है। यहाँ पर हर कण-कण में इतिहास की गूंज सुनाई देती हैं।
जब कभी भी अंग्रेजी सरकार की विजय होती थी तब उसका मनोरंजन दिल्ली में ही मनाया जाता था। अंग्रेजों ने यहाँ पर अपनी प्रतिमाएं स्थापित करने की कोशिश की लेकिन वे इस बात को नहीं जानते थे कि दिल्ली भारत के निवासियों की भूमि है। यहीं पर अंग्रेजों के खिलाफ नारे लगे थे और हड़तालें हुई थी।
गाँधी, जवाहर लाल नेहरु और भगत सिंह जैसे देश भक्तों ने स्वतंत्रता की मांग की और अंत में अंग्रेजों को भारत छोडकर जाना ही पड़ा। स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ के कई नेताओं ने दिल्ली का दुबारा से उद्धार किया था। दिल्ली में सभी अंग्रेजी शासन के निशानों को मिटा दिया गया था और भारतीयता के निशानों को स्थापित किया गया था।
भारत का ये नगर दिल्ली सभी देशों और विदेशों के लोगों के लिए भ्रमण की बहुत अच्छी जगह है। भारत सरकार इसे और अधिक सुंदर बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहती है। दिल्ली की सडकें इतनी बड़ी हैं कि हर तरह की गाड़ी इस पर चल सकती हैं। सडकों के दोनों ओर फूल लगें हैं जो सडकों की शोभा बढ़ाते हैं।
दिल्ली की हर सडक किसी-न-किसी वाटिका का बोध करती है। दिल्ली की सडकों पर गाड़ी, बस, स्कूटर, मोटरसाईकिल और ट्रकों को हमेशा देखा जा सकता है। दिल्ली भारत की राजधानी है इसी वजह से यहाँ पर भारत सरकार के प्रमुख कार्यालय भी हैं। दिल्ली की आबादी बहुत अधिक है यहाँ पर एक करोड़ से भी अधिक लोग रहते हैं।
दर्शनीय स्थल : भारत के इस नगर का हर अंग दृश्यनीय है। दिल्ली ऐतिहासिक भवनों के लिए अतुल्य मानी जाती है। यहाँ पर अनेक भव्य इमारतें और चौड़ी सडक भी हैं। दिल्ली में सडक परिवहन के साथ-साथ रेल और वायु परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था है।
यहाँ के बाजारों का अपना ही आकर्षण होता है ये सजे हुए बहुत सुंदर लगते हैं इसी वजह से लोग यहाँ पर घूमते हुए देखे जा सकते हैं। दिल्ली में बहुत से ऐतिहासिक स्थल जैसे – लाल किला, कुतुबमीनार, जंतर-मंतर, जामा मस्जिद, बिरला मंदिर, लोटस टेंपल, मोर्यकालीय लौह स्तंभ, छतर पुर मंदिर, इंडिया गेट, हुमायु का मकबरा, गुरुद्वारा सीसगंज हैं।
चांदनी चौक और कनाट प्लेस की सजावट देखने के योग्य होती है। लोटस टेंपल में सभी धर्मों के लोग बैठकर भगवान को याद करते हैं। लौह स्तंभ में कभी भी जंग नहीं लगता इसकी इसी विशेषता की वजह से यह आकर्षण का केंद्र बन गया है। पुराने किले में पांडवों के अवशेष देखे जा सकते हैं।
दिल्ली के सभी मैदानों की घास आँखों और पैरों के लिए बहुत सुख देती है। दिल्ली का चिड़ियाघर आकर्षण का केंद्र बन चुका है। दिल्ली के चिड़िया घर में अनेक प्रकार के पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं। दिल्ली को उद्योग नगरी कहा जाता है। यहाँ पर हर मोहल्ले में उद्यान देखे जा सकते हैं।
यहाँ पर बड़ी-बड़ी कपड़ों की कंपनियां और अन्य उद्योग धंधे हैं। खेलों के आयोजन से भी दिल्ली की सुंदरता में चार-चाँद लग गये हैं। बड़े-बड़े मॉल्स से दिल्ली की शान और अधिक बढ़ गई है। दिल्ली में लोगों के रहने के लिए बड़ी-बड़ी इमारतें हैं जो आकर्षण का कारण बने हुए हैं।
दिल्ली में देश की राजनीतिक व्यवस्था का प्रमुख केंद्र संसद भवन है। दिल्ली में एक मुगल उद्यान है जो बसंत ऋतु में आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है और इस का आकर्षण का केंद्र गुलाब का फूल है जो यहाँ पर अनेक किस्मों में पाया जाता है। दिल्ली में एक अप्पूघर भी है जो बच्चों की आकर्षण की सैरगाह
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