Meri Pathshala nibandh 80 se 100 shabdon mein
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विद्यालय को पाठशाला या स्कूल भी कहा जाता है ।विद्यालय बच्चों को शिक्षा देने का एक अच्छा स्थान है।
यहां से विद्यार्थी शिक्षा ले करके अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाते हैं । मेरे विद्यालय का नाम ……… विद्यालय है। मेरे विद्यालय का भवन बहुत विशाल तथा सुंदर है। यहां कक्षा 1 से 12 वीं तक की पढ़ाई होती है। यहां बहुत दूर-दूर से विद्यार्थी शिक्षा लेने के लिए आते हैं।
हमारे विद्यालय के भवन में दो मंजिलें हैं और हर मंजिल पर २० कमरे हैं तथा सभी कमरे खुलें और हवादार हैं ।हर कमरे में ब्लैकबोर्ड और पंखे लगे हुए हैं । सभी कमरों में बच्चों के बैठने के लिए पूरी उचित व्यवस्था है । विद्यालय के आगे एक सुंदर बगीचा है, वहां रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। बच्चों के खेलने के लिए दो बड़े बड़े मैदान हैं । हर खेलों को सीखने के लिए एक विशेष प्रशिक्षिक रखे गए हैं । विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ खेल और अनुशासन का भी उचित ध्यान रखा जाता है।
हमारे विद्यालय में विज्ञान की तीन प्रयोगशालाएं हैं। यहां बच्चों को आधुनिक तरीकों से शिक्षा दी जाती है । विद्यालय में एक बड़ा हॉल है जहां वाद विवाद प्रतियोगिता होती है। मेरे विद्यालय में लगभग 100 अध्यापक तथा 5000 विद्यार्थी हैं। विद्यालय में १० बसे हैं जो बच्चों को उनके घर से विद्यालय लेकर आती है और छोड़ती है। विद्यालय में पुस्तकों की दुकान है जहां से हम पुस्तकें कॉपियां तथा पेन पेंसिल आदि खरीदते हैं।
विद्यालय में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय भी है ,जहां हर विषय की किताबें रखी गई है । हम वहां पर समाचार और पत्र पत्रिकाएं भी पढ़ते हैं। हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य योग्य व उच्च विचारों वाले हैं। वे बहुत अनुशासनप्रिय हैं। हमारे विद्यालय के अध्यापक / अध्यापिकाएं उच्च शिक्षित और मेहनती हैं ,इसलिए हमारे विद्यालय का वार्षिक परीक्षा परिणाम बहुत अच्छा आता है।
मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है । मुझे अपना विद्यालय बहुत पसंद है मुझे अपने विद्यालय पर बहुत गर्व है।
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