mirabai ne shrikrishna ke roop saundarya ka varnan kaise kiya hai?
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मीराबाई कृष्ण के रूप सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहती हैं कि उन्होंने सिर पर मोर मुकुट धारण किया हैं और तन पर पीले वस्त्र सुशोभित हैं। गले में बैजयंती माला उनके सौंदर्य में चार चाँद लगा रही है। कृष्ण बाँसुरी बजाते हुए गाये चराते हैं तो उनका रूप बहुत ही मनोरम लगता है।
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मीरा बाई ने श्री कृष्ण के रूप सौंदर्य का वर्णन निम्न प्रकार से किया है।
- कृष्ण के सौंदर्य का वर्णन करते हुए मीराबाई कहती है कि श्री कृष्ण के सिर पर मोर मुकुट सुशोभित है। उन्होंने पीले वस्त्र धारण किए है।
- उनके गले में वैजयंती माला सुशोभित है।
- मीराबाई कहती है कि हैं कृष्ण बांसुरी बजाते हुए गाये चराते है तो उस वक्त उनका रूप बड़ा लुभावना लगता है।
- मीराबाई कृष्ण के दर्शनों के लिए व्याकुल है। वह श्री कृष्ण से मिलने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार है।
- वे सदा के लिए श्री कृष्ण की दासी बनकर रहने के लिए तैयार है।
- वे वृंदावन में बाग बगीचे लगाना चाहती है जिसमें श्री कृष्ण घूम सके।वह वृंदावन की गलियों में श्री कृष्ण लीला के गीत गाना चाहती है।
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