Hindi, asked by ha6988167, 10 months ago

Mirza ghalib biography in hindi or urdu

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Answered by sneha486071
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मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब” (२७ दिसंबर १७९६ – १५ फरवरी १८६९) उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। इनको उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है। यद्दपि इससे पहले के वर्षो में मीर तक़ी "मीर" भी इसी वजह से जाने जाता है। ग़ालिब के लिखे पत्र, जो उस समय प्रकाशित नहीं हुए थे, को भी उर्दू लेखन का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है। ग़ालिब को भारत और पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में जाना जाता है। उन्हे दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला का खिताब मिला।

Answered by riteish9797
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Answer:

मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग खान मुग़ल साम्राज्य के समय के गायक, कवी थे. उन्होंने ब्रिटिश अत्याचार को करीब से देखा था. वे अपने मन की व देश की मनोदशा को अपनी गजल के माध्यम से सब तक पहुंचाते थे. उनके द्वारा रचित शेरो शायरी आज तक लोगों की जुबान में है व पसंद की जाती है. ऐसे ही महान फ़नकार मिर्ज़ा ग़ालिब के जीवन पर दूरदर्शन नेशनल द्वारा 1988 में टीवी सीरीज बनाई गई थी. इसमें मुख्य किरदार महान एक्टर नशीरुद्दीन शाह ने निभाया था. इस सीरियल में ग़ज़ल भी गाई जाती थी, जिसे गजलकार जगजीत सिंह ने लिखा व गाया था. सीरियल के द्वारा हम मुग़ल साम्राज्य व मिर्ज़ा ग़ालिब के संबंधो को करीब से जान पाए, साथ ही मिर्ज़ा ग़ालिब के जीवन के अनछुए पहलु को भी जानने का मौका मिला.

मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग खान साहब का जन्म आगरा के काला महल में हुआ था. इनके पूर्वज तुर्की में रहा करते थे. इनके पिता लखनऊ के नबाब के यहाँ काम करते थे, लेकिन 1803 में इनकी मौत हो गई, जिसके बाद छोटे से मिर्जा को उनके चाचा ने बड़ा किया. 11 साल की उम्र से ही मिर्ज़ा ने कविता लिखना शुरू कर दिया था. मिर्जा ने 13 साल की उम्र में उमराव बेगम से शादी कर ली. मिर्ज़ा साहब ने लाहौर, जयपुर दिल्ली में काम किया था, बाद में वे आगरा आकर रहने लगे. अपनी हर रचना वो मिर्ज़ा या ग़ालिब नाम से लिखते थे, इसलिए उनका ये नाम प्रसिध्य हुआ.

1850 में बहादुर शाह ज़फर की सत्ता में आने के बाद मिर्ज़ा ग़ालिब को मुख्य दरबारी बनाया गया. राजा को भी कविता में रूचि थी, 1854 में मिर्ज़ा इनको कविता सिखाने लगे. 1857 में जब ब्रिटिश राज से मुग़ल सेना की हार हुई, तब पूरा साम्राज्य नष्ट हो गया. मिर्ज़ा साहब को इस समय उनकी आय मिलना भी बंद हो गई थी.

मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल की कहानी व किरदार (Mirza Ghalib Serial and Characters )–

मुग़ल साम्राज्य के समय में व उसके नष्ट होने के बाद मिर्जा साहब की क्या स्थति थी, यही सीरियल की मुख्य कहानी है. मुग़ल साम्राज्य ख़त्म होने के बाद मिर्जा आगरा से दिल्ली के प्रवासी हो गए. जहाँ इन्हें पेंशन मिलना भी बंद हो गई, जिससे इनके खाने के भी लाले पड़ गए. पैसों के लिए ये वहां के लोकल कवी लोगों को अपनी कविता सुनाकर प्रभावित करते थे. लेकिन एक महान कवी उनके अंदर था, जिसे सबने जाना और पसंद किया.

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