Mithi Vani Ishwar Prem sambandhi dohe Ka sankalan Kar chart par likhiye
Answers
मीठी वाणी, ईश्वर, प्रेम से संबंधित दोहों का संकलन
ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय
औरन को सीतल करे आपहु सीतल होय
— कबीरदास
कागा काको धन हरै, कोयल काको देत
मीठा शब्द सुनाये के , जग अपनो कर लेत।
— कबीरदास
ते दिन गए अकारथ ही, संगत भई न संग |
प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत ||
— कबीरदास
प्रेम न बारी उपजे, प्रेम न हाट बिकाए |
राजा प्रजा जो ही रुचे, सिस दे ही ले जाए ||
— कबीरदास
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय |
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ||
— कबीरदास
राम नाम की लूट है, लूट सके सो लूट
अंत काल पछतायेगा, जब प्रान जायेगा छूट।
— कबीरदास
रहिमन पैड़ा प्रेम को, निपट सिलसिली गैल |
बिलछत पांव पिपीलिको, लोग लदावत बैल |
— रहीमदास
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय॥
— रहीमदास
जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही ।
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही ।।
— कबीरदास
दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय |
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे होय |
— रहीमदास