Hindi, asked by Jippy, 1 year ago

mitrata - amulaya ratan par anuched

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Answered by amberliu
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अपने आपको एक अच्छा मित्र साबित करना और अपने पास अच्छे मित्र होना, ये दो ऐसी चीजें हैं जो न केवल आपकी दिनचर्या को खुशनुमा बनाती हैं बल्कि आप जीवनभर आत्मसंतोष को अनुभव करते हैं। परंतु मित्रता एकाएक नहीं हो जाती। मित्रता पैदा की जाती है और उसे बनाए रखना पड़ता है।

शादी के बाद उस छोटे से गाँव में मैं अभी-अभी आई थी क्योंकि पति की वहाँ पोस्टिंग थी। न किसी से जान न पहचान, पर मन में भरोसा था कि जान-पहचान कर लूँगी व अच्छे दोस्त भी मिल ही जाएँगे। पड़ोसी आंटी से मैं केवल दो-तीन बार मिली और चकित रह गई कि इतने अच्छे लोग भी होते हैं। फिर न हमारे बीच उम्र आड़े आई न कोई और वजह। हमारी मित्रता परवान चढ़ती गई।

समय का चक्र सरकता गया व एक दिन बड़े भरे मन से उन्होंने अंकल के ट्रांसफर के बारे बताया। जिस दुःख व खालीपन का अहसास मुझे उस दिन पहुँचा था उसमें वे स्वयं भी शरीक थीं। आज जब कुछ लिखने बैठी तो अपने मित्रों के बारे में सोचने लगी- उन मित्रों के बारे में जो सुख-दुःख की घड़ी में मेरे साथी थे और उनके बारे में भी जिन्होंने मुझसे कन्नी काट ली थी, पर यह मेरा अहोभाग्य कि ऐसा मेरे साथ कम ही हुआ। 

अपने आपको एक अच्छा मित्र साबित करना और अपने पास अच्छे मित्र होना, ये दो ऐसी चीजें हैं जो न केवल आपकी दिनचर्या को खुशनुमा बनाती हैं बल्कि आप जीवनभर आत्मसंतोष को अनुभव करते हैं। परंतु मित्रता एकाएक नहीं हो जाती। मित्रता पैदा की जाती है और उसे बनाए रखना पड़ता है। किसी भी अन्य कौशल की तरह मित्रता की कला का भी अभ्यास करना पड़ता है। 

वे कौन-सी बातें हैं जो किसी को एक अच्छा मित्र बनाती हैं। आइए गौर करें:

मित्रता को प्राथमिकता दीजिए : कई लोग ऐसे हैं जो चाहते तो हैं कि उनके पास अधिक से अधिक मित्र हों, परंतु मित्र को देने के लिए उनके पास समय नहीं है। पर अगर आप सच्चे मन से मित्रता करना चाहते हैं तो मित्रों के लिए समय निकालने के लिए केवल आपको थोड़ी योजना से काम लेना होगा। आप अपने एक मित्र के साथ शाम को घूमिए, दूसरे के साथ शॉपिंग का प्रोग्राम बना लीजिए, तीसरे के साथ कभी फिल्म देख लें और अगर यह सब संभव न हो तो किसी छुट्टी के दिन सभी मित्र पिकनिक का प्रोग्राम बना लें या किसी एक के यहाँ एकत्रित हो जाएँ। अगर यह भी संभव नहीं है तो फोन पर तो बात की ही जा सकती है। 

मित्रों के लिए वक्त निकालने का मतलब है हो सकता है आपका घर कभी थोड़ा अस्त-व्यस्त रह जाए या आप अपने मनपसंद टीवी सीरियल न देख पाएँ, परंतु क्या अपने एक मित्र के साथ समय बिताने में जो सुख मिलता है उसके लिए आप इतना भी त्याग नहीं कर सकते।

दुःख-दर्द सुनना भी एक कला है : किसी के भी जीवन में कभी भी कोई समस्या उठ सकती है। ऐसे हालात में उसे एक सच्चे दोस्त की जरूरत महसूस होती है, जो उसका दुःख-दर्द धैर्य के साथ सुन सके, उसे सांत्वना के साथ बिना आलोचना किए समझा सके व बिना झिझके जरूरी सवाल उठा सके।

इसके विपरीत भावुकतावश लगाए गलत आरोपों को सुनना काफी बोरियत भरा सिद्ध हो सकता है। ऐसे में सुनने वाला व्यक्ति अपना धैर्य खो बेकार की सलाह भी देने के लिए प्रेरित हो सकता है। जैसे- 'ऐसे बेकार व्यक्ति से छुटकारा पाओ, तलाक लेकर या अलग घर बसा लो।'पर याद रखिए सच्चे दोस्त का काम समस्याओं का सही हल खोजने के साथ-साथ अपने मित्र के अंतर में उमड़ती-घुमड़ती बुरी भावनाओं को निकाल फेंकने का रास्ता बनाना भी होता है।

अंतर्मुखी होने का खतरा : कुछ लोग अपनी गूढ़ भावनाओं को मित्रों के सामने कहने से कतराते हैं। ऐसे लोग अपने भीतर छिपे डर, निराशा और मनोविकारों को प्रकट करने से डरते हैं, परंतु सभी प्रकार की मित्रता में यही वह समय होता है जब आप अपने मन की बात अपने मित्र के सामने रखें। आपके मित्र आपसे निकटता तभी महसूस करेंगे जब आप उन्हें अपने आपको जानने का मौका देंगे।

Jippy: meritnation se copy kiya hai na
amberliu: yesss....
Jippy: btw thanks
amberliu: bt if u found this on meritnation so why did u asked this on brainly...
Jippy: first i asked on brainly but it was taking too much time so i looked on meritnation
amberliu: oh!!!!....
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