Hindi, asked by 768388273517, 1 month ago

Mohan ek chaheta shisya tha

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Answered by ZalimGudiya
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Answer:

मोहन पढ़ाई व गायन में निपुण था। वह मास्टर का चहेता शिष्य था और उसे पूरे स्कूल का मॉनीटर बना रखा था। वे उसे कमजोर बच्चों को दंड देने का भी अधिकार देते थे। धनराम ने भी मोहन से मास्टर के आदेश पर डडे खाए थे।

Answered by saloni996
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Answer:

वे उससे क्या काम लेते थे? मास्टर त्रिलोकसिंह का मोहन चहेता शिष्य था। पुरोहित खानदान का कुशाग्र बुद्धि का बालक मोहन पढ़ने में ही नहीं, गायन में भी बेजोड़ का त्रिलोकसिंह मास्टर ने उसे पुरे स्कूल का मॉनीटर बना रखा था। वही सुबह-मुह, 'हे प्रभो आनंददाता।

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