Hindi, asked by evilman, 1 year ago

moral we get from premchand story kafan in hindi

Answers

Answered by shruti09042001
7
hmm........
what I say about the book. A very heart-touching short story by famous hindi writer. A usual pattern always i saw in his writing like related to social problem, simple language, some heart-touching movement, real presentation of human nature, poverty and a very different kind of ending. I think, since he was from a mediocre family this was the reason that he can easily present the real picture of problem faced by the lower group of society and the situations are very realistic.


A poignant and moving account of the mayhem that takes place in a family when the lady of the house dies in childbirth. A stirring tale describing poverty, hunger and helplessness of India's poor.

Munshi Premchand is an excellent writer.He wrote about the poverty and always wrote the truth....
Answered by bhatiamona
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कफन  कहानी से माध्यम संदेश  

इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने समाज की उस सच्चाई पर कटाक्ष किया है, जहां गरीबी के कारण लोगों में अपनो के प्रति संवेदन हीनता पैदा हो जाती है।

प्रेमचंद का इस कहानी से माध्यम से ये संदेश है, कि जब तक समाज में व्याप्त असमानता और गरीबी दूर नहीं होगी, तब तक गरीबी लोगों को यूं ही संवेदन हीन बनाती रहेगी।

हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार ‘प्रेमचंद’ ने अपनी कहानी कफन के माध्यम से उस सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष किया है। जिसके कारण एक सामाजिक असमानता पैदा होती है और कुछ लोग अत्यंत अमीर हो जाते हैं और कुछ लोग इतने निर्धन हो जाते हैं कि उनकी निर्धनता पहले तो उन्हें कामचोर और आलसी बना देती है और उसके बाद अपनी उसी निर्धनता के कारण वे संवेदन हीन भी हो जाते हैं।

कफन कहानी

इस कहानी के दो मुख्य पात्र घीसू और माधव अपनी कमजोरी और आलस उनके कारण पूरे गांव में बदनाम हैं वे बेहद निर्धन हैं और उनकी निर्धनता का एक कारण उनकी कमजोरी और आलस भी है। उनका यह काहिलपन समाज में व्याप्त असमानता के कारण उत्पन्न हुआ और उनकी इसी निर्धनता ने उन्हें बेहद संवेदन हीन भी बना दिया है। उन्हें केवल अपने पेट की चिंता रहती है। घीसू के बेटे माधव की पत्नी प्रसव पीड़ा से छटपटा रही है, लेकिन माधव अपनी पत्नी को ना देखकर अपने बाप घीसू के साथ भुने हुए आलू खाने में व्यस्त है। क्योंकि वह आलुओं का लोभ नहीं छोड़ पाता। उसे डर है कि यदि वह भुने हुए आलू छोड़कर अपनी बीवी को देखने जाएगा तो उसका बाप सारे आलू खा जाएगा। उनकी निर्धनता के कारण उन्हें कभी-कभी ही दो-तीन दिन में एक बार खाने को मिल पाता है। इस कारण जो भी उन्हें खाने का अवसर मिला है वह उस अवसर को चूकना नहीं चाहते, चाहे इसके लिए माधव की बीवी के प्राणों पर संकट ही क्यों ना आ पड़ा हो। उनकी भूक और गरीबी ने उन्हें बेहद संवेदनहीन बना दिया है, जहां वह केवल अपने पेट की भूख के बस में हैं। उनके परिवार के एक सदस्य की पीड़ा या चीत्कार उन पर कोई प्रभाव नहीं डाल पाते। यहाँ तक कि चंदे के माध्यम से कफन के लिये जुटायें पैसों तक को वे बापा-बेटे शराब में उड़ा देते हैं।

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