Hindi, asked by abhi7878, 1 year ago

muhavre ka paryog karke kahani banaye

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Answered by Anonymous
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश


दूसरों के लिए गड्ढा खोदना



पूरी कहावत 


दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला स्वयं उसमें गिरता है 


अन्य समानार्थक कहावतें 


संस्कृत : परस्य विषयं विचिन्तयेप्राप्नुयात्स कुमति स्वयं हि तत् पूतना हरिवधार्थ भाययौ प्रापसैव वधमात्मनः- 

 अग्रेजीः who so digs a pitch shall fall therein. 

अर्थ : जो दूसरों का बुरा चाहता है उसी का बुरा होता है। 

भाव : किसी को हानि न पहुँचाओ, इससे  तुम्हारी ही हानि होगी। 

कहानीकार की ओर से – बच्चों ! इस कहावत का अर्थ तुम समझ गये होगे। इसमें छिपी सरल शिक्षा यह है कि जो दूसरों का नुकसान करना चाहता है स्वयं उसे ही नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति का वही हाल होता है जो उस गीदड़ का हुआ जिसने हिरण के लिए गड्ढ़ा खोदा था, आओ, मैं तुम्हें उस दुष्ट गीदड़ और भोले हिरन की कहानी सुनाता हूँ जिसके आधार पर ही यह कहावत बनी होगी।



दूसरों के लिए गडढा खोदना



सुन्दर वन एक अत्यंत सुन्दर वन था। उसमें नाना प्रकार के पशु पक्षी निवास करते थे। उस वन के कदलीकुञ्ज मुहल्ले में एक हिरण रहता था। वह बहुत सीधा सरल और दयालु था। 


उसी के पड़ोस में एक गीदड़ भी रहता था। वह बहुत धूर्त, मक्कार और मतलबी था। पर ऐसे लोगों के सींग थोड़े ही होते हैं। बाहर से वह बहुत शरीफ लगता था। हिरन बेचारा दिन-भर मेहनत करके अपना भोजन जुटाता था। पर गीदड़ आलसी और कामचोर था। वह मरे हुए जानवरों या शेर की जूठन खाकर अपने पेट की आग बुझाता था।





abhi7878: can you did not write it and send me aclear photo
Answered by raficahamed009
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IN ENGLISH PLEASE I AM UNABLE TO UNDERSTAND

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