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( khan pann ki badalti pravriti svasthey ke liye hanikarak)
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इस संबंध में श्रीमछ्वागवत गीता में कहा गया है कि रस और चिकनाई युक्त, देर तक स्थिर रहने वाले तथा पाचक भोजन सात्विक मनुष्य को प्रिय होता है। भारत जैसे विकासशील देशों में संतुलित भोजन न लेने के कारण कमजोरी कुपोषण, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी तथा अन्य विभिन्न रोग बहुत बड़ी समस्याएं उत्पन्न कर रहे हैं।
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