English, asked by manojbharti32, 1 year ago

my hobby essay in Hindi

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Answered by mehak4067
21
खाली समय में फुटबाल खेलना मेरा सबसे ज्यादा पसंदीदा शौक है। घर पर अपना गृहकार्य पूरा करने के बाद, मैं आमतौर पर अपना अधिकतर खाली समय फुटबॉल खेलने में व्यतीत करता हूँ। मैं बचपन से ही फुटबॉल खेलने का बहुत शौकीन हूँ हालांकि, जब मैं 5 साल का था, तब मैंने इस खेल को सही ढ़ंग से खेलना सीखा। जब मैं 5 साल का था उस समय, मैं कक्षा 1 में था। पिताजी ने कक्षा अध्यापक को मेरेफुटबॉल खेलने के शौक के बारे में शिक्षक-अभिभावक सम्मेलन में बताया था। और मेरे अध्यापक ने पिताजी को बताया कि, कक्षा 1 से ही विद्यार्थियों को स्कूल में प्रतिदिन खेल खेलने की सुविधा है, इसलिए आप अपने बच्चे को यहाँ प्रवेश दिला सकते हैं। अब मैं वास्तव में, फुटबॉल खेलने का आनंद लेता हूँ, और विद्यालय की आन्तरिक प्रतियोगिता में भाग भी लेता हूँ। मेरी रुचि पर निबंध 2 (200 शब्द)

मुझे पढ़ने का बहुत शौक है, चाहे वो अखबार, समाचार, उपन्यास, सामान्य ज्ञान की किताब या कोई भी अन्य ज्ञानवर्धक किताब हो, जो किसी अच्छे लेखक द्वारा लिखी गई हो। मैं अपने खाली समय में अधिकतर कोई भी कहानियों की किताब, समाचार पत्र, मैंगजीन और अन्य ऐसे लेखों को पढ़ता हूँ, जिसमें मेरे प्रयोग में आने वाली जानकारी हो। किताबों को पढ़ने की, मेरी इस रुचि पर सबसे पहले मेरे पिता जी ने ध्यान दिया और उन्होंने मुझे यह कहकर प्रोत्साहित किया कि यह बहुत अच्छी आदत है, मेरे बेटे, जो तुम्हें प्राकृतिक रुप से मिली है, अपनी इस आदत को कभी मत जाने देना और हमेशा इसे अपने अभ्यास में रखना। मैं बहुत छोटा बच्चा था, और परियों की कहानी और मेरे माता-पिता द्वारा दी जाने वाली अन्य कहानियों की किताबों को बहुत अधिक रुचि के साथ पढ़ता था।

अब में 10 साल का हूँ और कक्षा 5 में पढ़ता हूँ। अब मुझे वास्तव में, अपने पढ़ने की इस रुचि के लाभ दिखाई देते हैं। इसने मुझे सामान्य ज्ञान के किसी भी विषय पर जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। इस आदत ने मुझे दुनिया के आश्चर्यों, जीव की उत्पत्ति का इतिहास, अंतरिक्ष, पशु, पक्षी, पेड़-पौधे, जलीय जीवों और संसार के बारे में अन्य आश्चर्यजनक चीजों के बारे में जानने में सहायता की है।

मेरीरुचि पर निबंध 3 (250 शब्द)

मेरा पसंदीदा शौक खाली समय में रुचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ना है। जब कभी भी मैं स्कूल से घर जाता हूँ, तो अपना गृहकार्य पूरा करने के बाद इस तरह, की किताबों को पढ़ना पसंद करता हूँ। मैं 12 वर्ष का हूँ और कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। अब, मैं यह अच्छी तरह से जानता हूँ, कि किताबों को पढ़ना बहुत अच्छी आदत है, जो मुझे पूर्णबनाती है। यह शौक किसी के भी द्वारा विकसित किया जा सकता है हालांकि, मुझे यह प्राकृतिक रुप से मिला है। किताबों को पढ़नाएक व्यक्ति को खुश और व्यस्त रखता है। यह आनंद, ज्ञान, प्रोत्साहन और सूचना का अच्छा स्रोत है। यह हमें अनुशासन, न्यायप्रिय,विश्वसनीय, समय का पाबंद और इससे भी अधिक महत्वपूर्णएक सफल व्यक्ति बनाता है।

किताबों को पढ़ने के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अकेला और परेशान नहीं रह सकता। मेरा मानना है कि, यह आदत संसार में सोने से भी ज्यादा कीमती है। यह हमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए उच्च स्तर का ज्ञान, आदर्श विचार, अच्छीसोच, आदि प्रदान करता है। जो किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं, उनके लिए अच्छी और रुचिपूर्ण किताबें अच्छे मित्र की तरह होती है। जिसके पास यह आदत नहीं है, चाहे उसके कितनी भी अधिक सांसारिक वस्तुएं और धन क्यों न हो, फिर भी वहज्ञान की सच्ची दौलत के अभाव में गरीब होता है।किताब पढ़ने की आदत या शौक को,किसी के भी द्वारा युवा अवस्था में भी प्रयास करने के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

Answered by karuneshkeni30
7

Answer:

किताबों को पढ़ने के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अकेला और परेशान नहीं रह सकता। मेरा मानना है कि, यह आदत संसार में सोने से भी ज्यादा कीमती है। यह हमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए उच्च स्तर का ज्ञान, आदर्श विचार, अच्छी सोच, आदि प्रदान करता है। जो किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं, उनके लिए अच्छी और रुचि पूर्ण किताबें अच्छे मित्र की तरह होती है। जिसके पास यह आदत नहीं है, चाहे उसके कितनी भी अधिक सांसारिक वस्तुएं और धन क्यों न हो, फिर भी वह ज्ञान की सच्ची दौलत के अभाव में गरीब होता है। किताब पढ़ने की आदत या शौक को,किसी के भी द्वारा युवा अवस्था में भी प्रयास करने के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

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