My ques is. That short note on barti mahagai in hindi
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बढ़ती महँगाई
महँगाई आज के युग में भीषण समस्या का रूप ले चुकी है. कभी प्याज का भाव बढ़ गया तो कभी दाल का. क्या आपने कभी उन लोगों के बारे में सोचा है जिनकी दैनिक मजदूरी सौ रूपये से भी कम हो और उसी कमाई में पांच लोगों का परिवार चलाना है, कैसे चलाते होंगे वह अपने परिवार? महँगाई के कारण बेचारे गरीब आदमी को तो अपनी मूलभूत आवश्यकताएँ भी पूरी कर पाना दुष्कर हो गया है.

बढ़ती महंगाई एक गंभीर समस्या
महंगाई का ऐसा असर होता है कि पॉकेट में पैसों का बोझ बढ़ता जाता है और थैले में सामान कम होता जाता है. यदि खरीददार की क्रय शक्ति घट जाय तो महंगाई बढ़ जाती है. इसके बढ़ने से रुपयों का अवमूल्यन हो जाता है. यह एक विश्वव्यापी समस्या है लेकिन भारत में तो यह एक गंभीर समस्या है.
देखा जाय तो समाज का हर वर्ग आज मूल्य वृद्धि या मंहगाई की समस्या से त्रस्त है. लेकिन निम्न और मध्यम वर्ग के लोग इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं. महंगाई बढ़ने से लोग अपनी आवश्यकता में कटौती करने लगते हैं. जहाँ लोग चार किलो दूध रोज खरीदते हैं उसे कम करके दो किलो कर देते हैं. पेट्रोल की कीमत बढ़ने से लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हैं या फिर पैदल चलना शुरू कर देते हैं.
खेतिहर किसान अपने खाद बीज और अन्य खेती के सामनों में कटौती करते हैं जिससे उनकी पैदावार प्रभावित होने लगता है. यदि कोई पर्व त्यौहार आ जाए तो उसके बजट में भी कटौती करनी पड़ जाती है. इसका असर होली, दिवाली पर भी दीखने लगता है. हास्यास्पद तो तन लगता है जब भिखारी भी एक रुपया का भीख लेने से इनकार कर देता है. इसका असर व्यापक होता है. यह खान पान से लेकर रहन -सहन तक यानी जीवन के सभी आयामों को प्रभावित कर देता है.
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