(Na+1) पर आवेश की गणना कुलाम मे करो
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Explanation:
कुलाम का नियम जिसकी खोज फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने की थी
कूलॉम-नियम (Coulomb's law) विद्युत आवेशों के बीच लगने वाले स्थिरविद्युत बल के बारे में एक नियम है जिसे कूलम्ब नामक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने १७८० के दशक में प्रतिपादित किया था। यह नियम विद्युतचुम्बकत्व के सिद्धान्त के विकास के लिये आधार का काम किया। यह नियम अदिश रूप में या सदिश रूप में व्यक्त किया जा सकता है। अदिश रूप में यह नियम निम्नलिखित रूप में है-
दो बिन्दु आवेशों के बीच लगने वाला स्थिरविद्युत बल का मान उन दोनों आवेशों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा उन आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
इस नियम को अदिश रूप में निम्नलिखित प्रकार से लिख सकते हैं-
{\displaystyle F=k_{e}{\frac {q_{1}q_{2}}{r^{2}}},} {\displaystyle F=k_{e}{\frac {q_{1}q_{2}}{r^{2}}},}
जहाँ ke कूलॉम्ब नियतांक है जिसका मान ke ≈ 9,00,00,00,000 N⋅m2⋅C−2 होता है।[1] q1 और q2 दोनों आवेशों के चिह्नसहित मान हैं, और r दोनों आवेशों के बीच की दूरी है। जब दोनों आवेश विपरीत चिह्न के होते हैं तो उनके बीच आकर्षण होता है जबकि दोनों आवेश समान होने पर प्रतिकर्षण होता है।