Hindi, asked by moretanmay1221, 3 months ago

निबंध लेखन
पुस्तक की आत्मकथा |​

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Answered by riya169812
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मैं पुस्तक हूं जिसे पढ़कर कोई भी मनुष्य विद्वान बनता है। मैं इंसान को अंधकार से उजाले की ओर ले जाने का काम करती हूं। मेरे कारण ही कोई भी मनुष्य सभ्य बन पाता है और अपने राष्ट्र के लिए कुछ कर पाता है। मुझमें लिखा हुआ ज्ञान ही मनुष्य को आज इतना आधुनिक बना पाया है।
छोटे बच्चे अपनी जिंदगी में ज्ञान प्राप्त करने की शुरुआत मुझसे ही करते हैं और समय के साथ साथ वे ज्ञानी होते जाते हैं। बाद में यही बच्चे बड़े होकर अपने राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनते हैं।

मुझे सिर्फ छोटे बच्चे ही नहीं बल्कि सभी उम्र के लोग पढ़ते हैं क्योंकि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। काफी लोग मुझे सिर्फ शौक के कारण पढ़ते हैं ताकि मैं अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकें।
इतना ही नहीं, कुछ लोग मुझे सिर्फ कहानी और कविता पढ़ने के लिए ही खरीदते हैं ताकि मैं उनका मनोरंजन कर सकूं। इन कहानी और कविताओं से भी उन्हें कुछ ना कुछ शिक्षा मिलती है और उनका नैतिक ज्ञान बनाने में भी मदद करती हैं।
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