Hindi, asked by pritikumbhadkar1978, 9 months ago

निबंध लेखन
परीक्षा शुख होने से पहले आधा घंटा
मुदेः आरेम-परीक्षा सह में प्रवेमा-पीशाकेमारी
मनापिती-उपसंहार​

Answers

Answered by singhudishapratap
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Explanation:

सिविल सेवा के बदले हुए पाठ्यक्रम ने आपके अंतिम चयन में निबंध को निर्धारक भूमिका में ला खड़ा किया है। सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्नपत्रों की अपेक्षा निबंध के प्रश्नपत्र में अपेक्षाकृत कम मेहनत करके अधिक अंक लाए जा सकते हैं। आप 250 अंकों के प्रश्नपत्र में 160-170 अंक तक प्राप्त कर सकते हैं।

हालाँकि, ऐसा देखा जाता है कि निबंध के प्रश्नपत्र को अनेक परीक्षार्थी बहुत हल्के में ले लेते हैं और सीधे परीक्षा भवन में ही जाकर निबंध लिखते हैं। इनमें कुछ प्रतिभाशाली विद्यार्थी जो स्कूल और कॉलेज स्तर पर निबंध लेखन करते रहे हैं, वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं। परंतु, परीक्षार्थियों का एक बड़ा तबका अपने ‘अति आत्म-विश्वास’ का शिकार हो जाता है, क्योंकि सभी में तो ऐसी प्रतिभा नहीं हो सकती कि सीधे परीक्षा भवन में निबंध लिखें और अच्छे अंक पा जाएँ।

आपके मन में एक बड़ा सवाल यह उठता रहा होगा कि आखिर निबंध की तैयारी कैसे की जाए? इसके लिये कौन सी किताब पढ़ी जाए? तो यहाँ आपको स्पष्ट कर दें कि ऐसी कोई एक किताब नहीं है जिसे पढ़कर आप रातोंरात निबंध में पारंगत हो जाएँ। कोई ऐसी विधि भी नहीं है जिसे रटकर आप निबंध के प्रश्नपत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

अब, आप सोच रहे होंगे कि फिर ऐसा क्या है जो निबंध के प्रश्नपत्र में आपको सहज और सफल बनाएगा? संघ लोक सेवा आयोग के निबंधों की मूल प्रवृत्ति ही रचनात्मक रही है। यहाँ आपसे इस बात की बहुत अधिक उम्मीद नहीं की जाती है कि आप दिये गए विषय में तथ्यों का विशाल पहाड़ खड़ा कर दें, बल्कि अधिक उम्मीद यह की जाती है कि आप अपने रचनात्मक और कल्पनात्मक कौशल का परिचय देते हुए दिये गए विषय की अवधारणा को स्पष्ट करें। निबंध को नीरस व उबाऊ बनाने की बजाय सरस व रोचक बनाएँ।

सिविल सेवा परीक्षा के वर्तमान प्रारूप में निबंध लेखन में एक चुनौती यह आती है कि कम-से-कम शब्दों में पूरे विषय को स्पष्ट कैसे किया जाए? इसके लिये जो सबसे ज़रूरी बात है, वह है नियत समय व नियत शब्द-सीमा में लिखने का अभ्यास।

प्रारंभिक परीक्षा के पश्चात् बचे हुए चार महीनों में जो सबसे पहला कार्य आपको करना है वह है- अधिक से अधिक विषयों पर लेखन अभ्यास, खासकर उन विषयों पर जो सिविल सेवा परीक्षा में अब तक पूछे जा चुके हैं।

हालाँकि, सिविल सेवा परीक्षा में इस बात की बहुत कम ही संभावना रहती है कि विषय रिपीट हो। मगर यह ज़रूर है कि अगर आपने विगत वर्षों की परीक्षा में पूछे गए या उनकी प्रवृत्ति से मिलते-जुलते निबंधों का अभ्यास कर लिया, तो परीक्षा भवन में पूछे गए निबंध आपको नए नहीं लगेंगे। आप उनकी मूल प्रवृत्ति को समझ सकेंगे और बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

आप प्रयास यह करें कि बचे हुए चार महीनों में प्रतिदिन कम-से-कम एक विषय पर निबंध लिखें, प्रतिदिन नहीं तो कम-से-कम दो दिनों में एक निबंध अवश्य लिखें।

सबसे बड़ा सवाल निबंध के प्रश्नपत्र को लेकर यह है कि क्या पढ़ा जाए? पहले भी यह चर्चा की जा चुकी है कि इसके लिये कोई एक ऐसी किताब नहीं है। वस्तुतः निबंध आपके संपूर्ण व्यक्तित्व का परीक्षण है। इससे आपकी संवेदना और आपकी सोच का पता चलता है।

कुछ आवश्यक सामग्री जो आपके निबंध लेखन में लाभदायी होंगी उनमें नियमित रूप से अखबारों मे छपे संपादकीय लेख अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं जो किसी विषय के प्रति आपकी समझ को विकसित करने में लाभकारी सिद्ध होंगे।

इसके अलावा, कुछ प्रसिद्ध निबंधकारों के निबंध पढ़ें और यह समझने की कोशिश करें कि दिये गए विषय को किस तरह से लेखक ने कितने आयामों में बाँटा है और उसके क्या मनोभाव रहे हैं? ज़रूरी हो तो आवश्यक बातों को नोट भी करें।

कुछ प्रसिद्ध महापुरुषों के कथन, शायरी, कविता भी याद कर लें, इनका एक संग्रह भी बना सकते हैं खासकर, गरीबी, न्याय, महिला, विज्ञान, धर्म, भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों पर।

पूर्व में निबंध के लिये बाज़ार में कोई स्तरीय पुस्तक उपलब्ध नहीं होने के कारण इसके लिये अध्ययन सामग्री की कमी रहती थी। लेकिन हाल ही में ‘दृष्टि पब्लिकेशन’ द्वारा प्रकाशित ‘निबंध-दृष्टि’ पुस्तक ने इस कमी को दूर कर दिया है। इस पुस्तक में लिखे गए निबंध न केवल परीक्षा के दृष्टिकोण से विभिन्न श्रेणियों में विभाजित हैं बल्कि प्रत्येक निबंध की भाषा-शैली एवं अप्रोच भी स्तरीय है।

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