निबंध मेरा प्रिय त्यौहार होली in 150 words
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होली निबंध 3 (300 शब्द)
प्रस्तावना
होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दू धर्म के लोग हर साल बड़ी धूमधाम से मनाते है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतु के समय फागुन (मार्च) के महीने में आता है जो दीवाली की तरह सबसे ज्यादा खुशी देने वाला त्योहार है। ये हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद सुंदर और रंगीन नजर आते है।
होलिका दहन
होली का ये उत्सव फागुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरु होता है और अगला दिन रंगों में सराबोर होने के लिये होता है।
बच्चे इस पर्व का बड़े उत्सुकता के साथ इंतजार करते है तथा आने से पहले ही रंग, पिचकारी, और गुब्बारे आदि की तैयारी में लग जाते है साथ ही सड़क के चौराहे पर लकड़ी, घास, और गोबर के ढेर को जलाकर होलिका दहन की प्रथा को निभाते है।
सभी रात में एक जगह इकट्ठा होकर लकड़ी, घास, और गोबर के ढेर को जलाकर होलिका दहन की रिवाज को संपन्न करते है। इसमें महिलाएं रीति से संबंधित गीत भी गाती है। इस दौरान सभी खुशनुमा माहौल में होते है और होली खेलने के लिये अगली सुबह का इंतजार करते है। इस दिन सभी लोग सामाजिक विभेद को भुलाकर एक-दूसरे पर रंगों की बौछार करते है साथ ही स्वादिष्ट पकवानों और मिठाइयाँ बाँटकर खुशी का इजहार करते है।
निष्कर्ष
होली हर साल फाल्गुन महीने में रंग बिरंगो के साथ मनाई जाती है। होली भारत और भारत में उपस्थित हिंदूओं का एक प्रमुख त्योहार है। लेकिन होली सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि सभी लोग मनाते हैं। क्योंकि होली उत्साह, नई आशा और जोश के साथ मनाई जाती है। होली पर लोग आपस में मिलते हैं गले लगते हैं। और एक दूसरे को रंग लगाकर होली मनाते हैं। इस दौरान धार्मिक और फागुन गीत भी गाते है। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने पापड़, हलवा, गुजिया, आदि खाते हैं। रंग की होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होली को मनाने के पीछे एक इतिहास ह।
होली पर निबंध:
होली रंगों का त्योहार है और इस दिन सभी लोग रंगों से खेलते हैं खूब मौज मस्ती करते हैं और अपने परिवार अपने मित्र के साथ समय बिताते हैंI इस दिन हम लोग बड़ों के पैरों पर अभी रखते हैं और बच्चे के साथ खेलते हैंI नए-नए वस्त्र धारण करते हैंI कई तरह के पकवान बनते हैंI
होली की कहानी
एक हिरन्याक्श्यप नाम का राजा था जो खुद को सबसे शक्तिशाली चमत्कार था इसलिए वह भगवान से भी घृणा करता था भगवान सोचता था कि मेरे से ज्यादा शक्तिशाली भगवान नहीं हो सकतेI लेकिन उनका बेटा भगवान विष्णु का परम भक्त थाI उनके पिता उसे खूब समझाते थे कि भगवान से घृणा करो वह हमसे ज्यादा शक्तिशाली नहीं है लेकिन उनका बेटा हमेशा भक्ति में रहता I इस सबसे परेशान होकर एक दिन हिरन्याक्श्यप ने एक योजना बनाई.
जिसके अनुसार उसने अपनी बहन होलिका (होलिका को वरदान प्राप्त था, कि आग पर उसे विजय प्राप्त है, अग्नी जला नहीं सकती) को अग्नी की वेदी पर प्रहलाद को लेकर बैठने को कहा. अपनी बुआ के साथ वेदी पर बैठ गया और आपने भगवान के भक्ति में लीन हो गया भगवान की भक्ति करने लगा पूजा करने लगा अचानक होलिका जलने लगी और उसकी मृत्यु हो गई लेकिन उस राजा का बेटा का मृत्यु नहीं हुआ क्योंकि वह भगवान की भक्ति में लीन थाI होलिका की याद में हम लोग होलिका दहन करते हैं होली के 1 दिन पहले और इसलिए होली और होलिका दहन मनाया जाता हैI
धन्यवाद