निबंध-
" ऑनलाइन शिक्षण के प्रभाव "
in 250 words
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माहौल ना मिलना No interaction and Friendly atmosphere
ऑनलाइन एजुकेशन अक्सर बच्चे अपने घर पर अकेले ही रहकर लेते है जिसकी बजह से उनका आपस में कांटेक्ट नही हो पाता जिसके कारण बच्चे टीचर के संपर्क में न आने के कारण जो कांटेक्ट में आने से व्यवाहरिक रूप से सीखते है वो नही सिख पा रहे है।
बच्चो को सीखने का एक माहौल नही मिल पाता और जो प्रतिस्पर्धा के कारण बच्चे आगे बढ़ने का प्रयास करते है वही ऑनलाइन में नही हो पाता। ऑनलाइन क्लासेस में स्कूल जैसा माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में मन भी कम लगता है।
2. इंटरनेट का गलत उपयोग Wrong use of Internet
आज ऑनलाइन एजुकेशन होने के कारण पेरेंट्स इन्टनेट कनेक्शन के साथ लैपटॉप या मोबाइल अपने बच्चो को दे देते है। कई बार बच्चे इसका गलत उपयोग करते है। कई बार पेरेंट्स इस बात पर ध्यान नही दे पाते और बच्चे क्लास के बहाने मोबाइल पर गेम खेलना, या अन्य ऑनलाइन एक्टिविटी में लग जाते है।
साथ ही यह सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है, उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए इन्वोल्व नही हो पाते जिससे उनका विकास होना संभव नही हो पता। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा होना संभव नहीं है।
3. आत्म मूल्यांकन में कमी Lack of self-assessment
स्कूलों में बच्चो की योग्यता को परखने के उद्देश्य से परीक्षाएं और होमवर्क का कार्य किया जाता है। जिससे टीचर बच्चे को समझ सकते है कि बच्चे में कहा बदलाब की जरुरत है और कहाँ पिछड़ रहा है साथ ही बच्चे भी अपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है।
परन्तु ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी देखने को मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे ऑनलाइन बुक पढ़ते है जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।
4. आंखों और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव Bad effects on Eyes and Health
बच्चे ऑनलाइन क्लास के कारण घंटो मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करते है जिसकी बजह से उनकी आँखों और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादा उपयोग से कम उम्र में ही उनको चश्मे लगवाने पड़ते है और बच्चो में कम उम्र में ही दर्द की समस्या देखने को मिलती है।