Hindi, asked by Michael12, 1 year ago

निबंध on मेरे आदरणीय गुरुजी ?​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

शिक्षक एक माली के रूप में न केवल पौधे रूपी विद्यार्थियों को पोषित करता है, बल्कि उन्हें एक बेहतर मनुष्य के रूप में पल्लवित कर, संस्कार रूपी पुष्प खि‍लाकर, सदगुणों की महक भी देता है। हमारे सामाजिक और मानसिक स्तर को बनाने में शिक्षक का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है।

शिक्षक या गुरु उस कुम्हार के समान होता है, जो मिट्टी के बर्तन बनाते समय उसे एक हाथ से संभालता और दूसरे हाथ से आकार देता है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी अनुशासन के साथ हमें आकार देते हैं, ताकि हम एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हों। शिक्षक के बिना बेहतर समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। singhboy

Answered by Anonymous
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Hello!!

मेरे प्रिय अध्यापक श्री देवीलाल जी है, जिन्होंने तीन साल तक गणित एवं दो सालों तक अंग्रेजी भाषा का अध्ययन करवाया था. वे जयपुर के ही रहने वाले है, वर्तमान में विद्यालय के पास ही एक कमरे में रहते है. इन्होने राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की. वे प्रकृति से बेहद शांत व मधुर है. वे कक्षा के छोटे से छोटे व बड़े सभी छात्रों को अच्छी तरह संभालना जानते है.

उनकी अनूठी शिक्षण शैली मुझे बहुत याद आती है,. उनका पढाने का तरीका सबसे अलग व आकर्षक था. उन्होंने पढाई के साथ साथ जों नैतिक शिक्षाएं दी वो मुझे आज भी याद है. उन्होंने गणित जैसे कठिन विषय को मेरे लिए बेहद सरल बना दिया था. फिलहाल में छठी कक्षा में पढ़ता हूँ पर मुझे अभी भी उनकी बहुत याद आती है.

अच्छे शरीर, चमकदार आंखों और गोरे बाल तथा अच्छी कद काठी वाले इंसान है. अभी भी जब कभी मुझसे कठिन सवाल हल नही होते है तो मैं उनके पास जाता हूँ. जब भी वो कक्षा में आते थे तो उनका चेहरा मुस्कराता था. जब विद्यालय के खेल प्रशिक्षक उपस्थित नहीं होते थे. तब ये ही हमें अच्छे अच्छे खेल सिखाते थे.

वे बाहर से जितने नरम थे, कभी कभी बेहद कठोर भी बन जाते थे, समय पर कार्य न करने वाले तथा अनुशासनहीनता करने वालें कई छात्रों को वे दंडित करते थे. कभी कभी वों कक्षा में हंसी मजाक भी किया करते थे. हमेशा हमारी कक्षा में उन्ही के विषय में छात्रों को सबसे अधिक अंक आते थे.

एक बार अच्छे अंक लाने पर मुझे भी उन्होंने चोकलेट दी थी, जो मुझे आज भी याद है. वों अच्छा पढाने के साथ ही घर पर कार्य करने के लिए होमवर्क भी दिया करते थे,. उनके उत्साही तथा विनम व्यक्तित्व के कारण देवीलाल जी मेरे सभी शिक्षकों में मुझे प्रिय है.

Thanks!!

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