Hindi, asked by Anonymous, 5 months ago

निबंध on topic ( सबसे प्यारी हिंदी हमारी) है।
plzzz help ​

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Answered by Chillin
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हर देश की अपनी भाषा होती है। भाषा के माध्यम से ही हम एक-दूसरे की बातों और विचारों को समझ और समझा पाते हैं। भारत देश में वैसे तो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषायें बोली जाती हैं पर ”हिन्दी“ हमारे देश की राष्ट्रभाषा है। 26 जनवरी 1950 को जब भारत का संविधान बना तो हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया। लेकिन राष्ट्र भाषा का दर्जा मिलने के बाद भी इसको वह सम्मान नहीं मिला जो इसे मिलना चाहिये था। हिन्दी भाषा के प्रयोग में हमें कमतर महसूस न करके इसका गर्व के साथ प्रयोग करना चाहिये एवं आने वाली पीढ़ी को भी हिंदी को अपनाने के लिए जागरुक करना चाहिये।भारत देश विभिन्न जाति, धर्मों एवं संस्कृति का देश है जहाँ कई भाषाओं और बोलियों का प्रयोग होता है। ऐसे में यदि किसी देश की अपनी एक राष्ट्रभाषा न हो तो देश में एकता की कल्पना करना असम्भव है। इसलिए भारतीय संविधान में ”हिन्दी“ को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया है जिससे इस राष्ट्रभाषा के धागे से सब एक साथ बंधे रहें। लेकिन, राष्ट्रभाषा होते हुए भी इसे वह दर्जा नहीं मिल पाया जो इसे मिलना चाहिये था।भारत में मुगलों और अंग्रजों ने भी राज्य किया और यही इसका कारण भी हो सकता है। कुछ हद तक हम हिन्दी भाषा का प्रयोग करने से अपने को छोटा भी मानते हैं और अंग्रेजी प्रयोग करने में बड़प्पन समझते हैं। हमें इस मनःस्थिति को सुधारना होगा और यह कार्य अपने घर से ही शुरू होना चाहिये अन्यथा एक दिन हम अपनी राष्ट्र भाषा को समझने के लिए इन्टरनेट का सहारा लेने लगेंगे जो कि हमने शुरू कर ही दिया है। हिन्दी माध्यम के विद्यालयों के अतिरिक्त अन्य किसी विद्यालय में हिन्दी को बढ़ावा नहीं मिल पाता। हमें बच्चों को हिन्दी किताबें पढ़ने एवं हिन्दी में बात करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिये, क्योंकि यह वह आदत है जो बचपन से ही विकसित की जा सकती है।बहुत समय पूर्व भारत में संस्कृत भाषा का प्रभाव था। बाद में धीरे-धीरे सामान्य जन-साधारण की भाषा के रूप में हिंदी भाषा प्रचलन में थी। इसके बाद भारत पर मुगलों का शासन रहा। हांलाकि उन्होंने अरबी व फारसी को कार्यालय के दस्तावेजों तक ही सीमित रखा लेकिन फिर भी हिन्दी भाषा पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। इसके बाद भारत पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेज, अंग्रेजी को कार्यालय तक ही नहीं बल्कि आम जीवन में भी प्रयोग में लाये। इस कारण भारतीय भाषा पर अंग्रेजी का प्रभाव बहुत अधिक पड़ा। हांलाकि अंग्रजी शासन से आजादी के बाद जब हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया तब भी उसे वह सम्मान न मिल पाया जिसकी कल्पना की गई थी।

Hope it helps you

Answered by Anonymous
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hii kaha ha aaj kal baat bhi nahi karthe

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