Hindi, asked by asonika833, 1 month ago

निबंध-

“समय की महत्ता”​

Answers

Answered by deepakkumar7787
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Answer:

समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है- “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता ।” और यह सच भी है कि खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुन: प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व समय के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुन: पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है ।

समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है- “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता ।” और यह सच भी है कि खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुन: प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व समय के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुन: पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है ।कबीर ने मृत्यु को अवश्यम्भावी बताकर जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करने की सीख देते हुए कहा है-

समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है- “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता ।” और यह सच भी है कि खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुन: प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व समय के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुन: पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है ।कबीर ने मृत्यु को अवश्यम्भावी बताकर जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करने की सीख देते हुए कहा है-“काल करै सो आज कर, आज करै सो अब ।

समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है- “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता ।” और यह सच भी है कि खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुन: प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व समय के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुन: पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है ।कबीर ने मृत्यु को अवश्यम्भावी बताकर जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करने की सीख देते हुए कहा है-“काल करै सो आज कर, आज करै सो अब ।पल में परलय होएगी, बहुरि

समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है- “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता ।” और यह सच भी है कि खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुन: प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व समय के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुन: पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है ।कबीर ने मृत्यु को अवश्यम्भावी बताकर जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करने की सीख देते हुए कहा है-“काल करै सो आज कर, आज करै सो अब ।पल में परलय होएगी, बहुरि ‘

समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है- “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता ।” और यह सच भी है कि खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुन: प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व समय के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुन: पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है ।कबीर ने मृत्यु को अवश्यम्भावी बताकर जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करने की सीख देते हुए कहा है-“काल करै सो आज कर, आज करै सो अब ।पल में परलय होएगी, बहुरि ‘

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