नाची अचानक ही उठे ब्लू पावस वन मोर इसमें कौन सा अलंकार है
Answers
सही जवाब है...
● विभावना अलंकार ●
► इन पंक्तियों में विभावना अलंकार है, क्योंकि यहाँ पर बिना कारण के ही कार्य होना प्रकट हो रहा है। अर्थात मोर बिना सावन और वर्षा के नाच रहा है, जबकि मोर सावन की वर्षा ऋतु में ही नृत्य करने के लिये जाने जाते हैं।
स्पष्टीकरण:
नाचि अचानक हीं उठे बिनु पावस बन मोर।
जानति हौं, नन्दित करी यहि दिसि नंद-किसोर
कवि बिहारी के ‘बिहारी सतसई’ काव्य की इन पंक्तियों में ‘विभावना अलंकार’ है। विभावना अलंकार वहाँ होता है, काव्य में बिना किसी कारण के ही कार्य होने का वर्णन हो। अर्थात विभावना अलंकार की परिभाषा के अनुसार बिना किसी कारण के भी कार्य होने की प्रतीति होने पर विभावना अलंकार प्रकट होता है।
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