Hindi, asked by lokhipriyochakma456, 2 months ago

नीचे ? गद्यांश दिए गए है। किसो । गद्याश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित
प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
गद्याश-1
यदि आप इस गद्यांश का चयन करते है तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न
संख्या 2 में दिए गए गद्याश-1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
पशु को बांधकर रखना पड़ता है, क्योंकि वह निरंकुश है चाहे जहाँ-तहाँ चला जाता है, इधर-उधर
मुँह मार देता है। क्या मनुष्य को भी इसी प्रकार दूसरों का बन्धन स्वीकार करना चाहिए। क्या इससे
उसमें मनुष्यत्व रह पाएगा पशु के गले की रस्सी को एक हाथ में पकड़ कर और दूसरे हाथ में एक
लकड़ी लेकर जहाँ चाहो हाँककर ले जाओ। जिन लोगों को इसी प्रकार हाँके जाने का स्वभाव पड
गया है, जिन्हें कोई भी जिधर चाहे ले जा सकता है, काम में लगा सकता है, उन्हें भी पशु ही कहा
जाएगा पशु को चाहे कितना मारो, चाहे कितना उसका अपमान करो, बाद में खाने को दे दो, वह
पूँछ और कान हिलाने लगेगा। ऐसे नर पशु भी बहुत
से मिलेंगे जो कुचले जाने और अपमानित
होने
पर भी जरा-सी वस्तु मिलने पर चट संतुष्ट और प्रसन्न हो जाते हैं कुत्ते को कितना ही ताड़ना देने के
बाद उसके सामने एक टुकड़ा डाल दो, वह झट से मार-पीट को भूल कर उसे खाने लगेगा यदि हम
भी ऐसे ही हैं तो हम कौन हैं, इसे स्पष्ट कहने की आवश्यकता नहीं पशुओं में भी कई पशु मार-पीर
और अपमान को नहीं सहते वे कई दिन तक निराहार रहते हैं, कई पशुओं ने तो प्राण त्याग दिए, ऐसा
सुना जाता है। पर इस प्रकार के पशु मनुष्य-कोटि के है, उनमें मनुष्यत्व का समावेश है, यदि ऐसा कहा
जाए तो कोई अत्युक्ति न होगी​

Answers

Answered by bhavyateotia12
0

Answer:

sorry don't know becaues it takes so much time I can't do

Answered by satybhansingh2612
0

Answer:

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