Hindi, asked by sameer486, 1 month ago

. नीचे दिए गए अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दो- (5)
परिश्रम उन्नति का द्वार है। मनुष्य परिश्रम के सहारे ही जंगली अवस्था से वर्तमान विकसित अवस्था तक पहुँचा है। उसी के सहारे उसने अन्न उपजाया, वस्त्र बनाए, घर, मकान, भवन, बाँध, पुल, सड़कें बनाईं। तकनीक का विकास किया, जिसके सहारे आज यह जगमगाती सभ्यता चल रही है। परिश्रम केवल शरीर की क्रियाओं का ही नाम नहीं है। मन तथा बुद्धि से किया गया परिश्रम भी परिश्रम कहलाता है। हर श्रम में बुद्धि तथा विवेक का पूरा योग रहता है। परिश्रम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है। परिश्रम करने वाला मनुष्य सदा सुखी रहता है।
उसे मन-हीमन प्रसन्नता रहती है कि उसने जो भी भोगा, उसके बदले उसने कुछ कर्म भी किया। परिश्रमी व्यक्ति का जीवन स्वाभिमान से पूर्ण होता है, वह अपने भाग्य का निर्माता होता है। उसमें आत्म-विश्वास होता है। परिश्रमी व्यक्ति किसी भी संकट को बहादुरी से झेलता है तथा उससे संघर्ष करता है। परिश्रम कामधेन है जिससे मनुष्य की सब इच्छाएँ पूरी हो सकती हैं। मनुष्य को मरते दम तक परिश्रम का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। जो परिश्रम से इनकार करता है, वह जीवन में पिछड़ जाता है।
1.गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए
2.विलोम लिखिए-परिश्रम,उन्नति
3.आज की चमकती सभ्यता में परिश्रम का योगदान स्पष्ट कीजिए।
4.परिश्रम करने से क्या लाभ है?
5. परिश्रम को कामधेनु क्यों कहा गया है? परिश्रम न करने का क्या परिणाम होता है?
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Answered by sashwat5
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லதல லபல ல ஞலலலநலலநஸஸநஸ.  

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