नीचे दिए गए विशेषण शब्दों को उचित विशेष्य से मिलाइए-
विशेषण
विशेष्य
• सामान
• कार्य
• पिताजी
• परिस्थिति
(क) शानदार
(ख) सच्चा
(ग) कीमती
(घ) महान
(ङ) पूज्य
(च) अनुकूल
(छ) दाहिनी
(ज) अद्भुत
• मकान
• भुजा
• चमत्कार
• हृदय
Answers
Answer:
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता अर्थात गन दोष ,रंग, आकार ,संख्या ,परिणाम आदि का बोध हो ,उसे विशेषण कहते हैं। इसी तरह विशेषण शब्द के द्वारा जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता प्रकट होती , उसे विशेष्य के नाम से संबोधित करते हैं। जैसे -
१. सुन्दर लड़की खेल रही हैं।
२. वह सुन्दर है।
३. रमेश दयालू है।
४. वह दयालु है।
इन वाक्यों में सुंदर और दयालु शब्द विशेषण है। ये शब्द क्रमशः लड़की ,वह ,रमेश तथा वह शब्द की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये विशेष्य है।
विशेष्य की परिभाषा -
विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं ,उन्हें विशेष्य कहते है।
विशेषण और विशेष्य examples -
इस बात को हम निम्नलिखित उदाहरण में देख सकते हैं -
१. सुरेश बुद्धिमान है।
२. वह बुद्धिमान है।
३. महिमा लम्बी है।
४. वह लम्बी है।
५. राधा मोटी है।
६. वह पतली है।
उपरोक्त लिखे वाक्यों में बुद्धिमान ,लम्बी ,मोटी और पतली शब्द विशेषण हैं। ये शब्द क्रमशः सुरेश ,वह ,महिमा ,राधा आदि शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। इस प्रकार सुरेश ,वह ,महिमा ,वह ,राधा तथा वह शब्द विशेषता है। अतः हम कह सकते हैं कि विशेषण शब्द ,संज्ञा तथा सर्वनाम दोनों की विशेषता बताते हैं।
यहाँ पर कुछ विशेषण और विशेष्य शब्दों की सूचि दी जा रही हैं ,जो की विद्यार्थियों के काम आएगी -
विशेष्य - विशेषण
अर्थ - आर्थिक
अंतर - आंतरिक
अनुवाद - अनुदित
अंत - अंतिम
अंचल - आंचलिक
अपकार - अपकारी
अज्ञान - अज्ञानी
अपराध - अपराधी
अध्यापन - अध्यापित
आधार - आधारिक
अकस्मात - आकस्मिक
अनुभव - अनुभवी
अनुष्ठान - आनुशाथानिक
अनुशंसा - अनुशंसित
ईसा - ईस्वीं
उदय - उदित
उत्साह - उत्साहित
उपेक्षा - उपेक्षित
उपयोग - उपयोगी
इह - ऐहिक
उपकार - उपकृत
कागज़ - कागज़ी
कलंक - कलंकित
कंटक - कंटकित
गर्म - गौरवान्वित
चाचा - चचेरा
छल - छली
जहर - जहरीला
झूठ - झूठा
त्याग - त्यक्त
अंश - आंशिक
आत्मा - आत्मिक
आसन - आसान
आतंक - आतंकित
आलोचना - आलोचित
अनुराग - अनुरक्त
आघात - आहत
अणु - आणुविक
आनंद - आनंदित
अग्नि - आग्नेय
अध्ययन - अध्ययनशील
आश्रय - आश्रित
आदर - आवृत
अंग - आंगिक
अंकन - अंकित
अवश्य - आवश्यक
अवयव - आवयविक
अभ्यास - अभ्यासी
अजय - अजित
अक्ल - अक्लमंद
अन्याय - अन्यायी
अकर्म - अकर्मण
अपमान - अपमानित
अभिषेक - अभिषिक्त
अधिकार - अधिकारी
अनाशक्ति - अनासक्त
आसक्ति - आसक्त
आक्रमण - आक्रांत
आचरण - आचारित
आकाश - आकाशीय
आदि - आदिम
आयु - आयुष्मान
अनुशासन - अनुशासित
आराधना - आराध्य
अनुक्रम - अनुक्रमिक
आराधना - आराध्य
आभूषण - आभूषित
अपेक्षा - अपेक्षित
अनीति - अनैतिक
अधुना - आधुनिक
ईर्ष्या - ईर्ष्यालु
ईश्वर - ईश्वर
इतिहास - ऐतिहासिक
उपज - उपजाऊ
उत्तर - उत्तरी
उपार्जन - उपार्जित
उन्नति - उन्नति
उत्कर्ष - उत्कृष्ट
उच्चारण - उच्चारणीय
उत्तेज़ना - उत्तेजित
उद्योग - औद्योगिक
उत्पीडन - उत्पीडित
ऋण - ऋणी
ऋषि - आर्ष
इंद्रजाल - ऐन्द्रजालिक
उत्ताप - उतप्त
उन्माद - उन्म्मत
उद्देग - उद्दिग्न
उचित - औचित्य
किशोर - किशोर
कृपा - कृपालु
केंद्र - केन्द्रीय
कुल - कुलीन
क्लेश - क्लिष्ट
काम - कामुक
क्रम - क्रमिक
खार - खारा
खानदान - खानदानी
गमन - गम्य
गान - गवैया
गंगा - गांगेय
गोप - गुप्त
ग्रास - ग्रस्त
घमंड - घमंडी
घर - घरेलु
चरित्र - चारित्रिक
चाल - चालू
चित्र - चित्रित
जंगल - जंगली
जाति - जातीय
जागरण - जागृत
जिज्ञासा - जिज्ञासु
जबाब - जबाबी
जीवन - जीवित
झगडा - झगडालू
तर्क - तार्किक
तत्व - तात्विक
तत्काल - तत्कालीन
तंरग - तरंगित
दमन - दमनीय
दान - देय
दीक्षा - दीक्षित
दंपत्ति - दाम्पत्य
दर्प - दर्पित
दिन - दैनिक
धर्म - धार्मिक
ध्यान - ध्येय
धन - धनी
न्याय - न्यायी
नमक - नमकीन
नाटक - नाटकीय
नियम - नियमित
निति - नैतिक
नगर - नागरिक
निश्चय - निश्चित
निज - निजी
पहाड़ - पहाड़ी
पल्लव - पल्लवित
पक्ष - पाक्षिक
पश्चिम - पाश्चात्य
प्रकृति - प्राकृत
पेट - पेटू
पूजा - पूज्य
परमार्थ - पारमार्थिक
पिशाच - पैशाचिक
पृथ्वी - पार्थिव
पुरुष - पौरुषेय
प्रमाण - प्रमाणिक
फेन - फेनिल
बाहर - बाहरी
बाज़ार - बाजारू
बर्फ - बर्फीला
बालक - बाल्य
भारत - भारतीय
भाग्य - भाग्यवान
भूमि - भौमिक
भय - भीत
भूत - भौतिक
भ्रम - भ्रांत
भोग - भोग्य
भाव - भावुक
मनु - मानव
मृत्यु - मर्त्य
मद - मत्त
मुक्ता - मौक्तिक
मामा - ममेरा
मोह - मुग्ध
मैल - मैला
माह - माहवारी
मंगल - मांगलिक
माता - मात्रक
युग - युगीन
यंत्र - यांत्रिक
यज्ञ - याज्ञिक
रस - रसिक
राष्ट्र - राष्ट्रिक
रूप - रूपवान
रोष - रुष्ट
लेख - लिखित
विनय - विदित
विरह - विरही
वेद - वैदिक
विद्युत् - वैदुतिक
विप्लव - वैप्लाविक
विमान - वैमानिक
विवाह - वैवाहिक
विधान - वैधानिक
विधि - वैध
वाष्प - वाष्पीय
व्यवहार - व्यवाहरिक
विश्वास - विश्वस्त
शिक्षा - शिक्षित
शिव - शैव
शासन - शासित
श्रम - श्रांत
शब्द - शाब्दिक
शरीर - शारीरिक
सप्ताह - साप्ताहिक
समय - सामायिक
समाज - सामाजिक
स्वभाव - स्वभाविक
स्वार्थ - स्वार्थी
स्वर्ण - स्वर्णिम
संयोग - संयुक्त
सागर - सागरीय
संग्रह - संगृहीत
संपादक - सम्पादकीय
सीमा - सीमित
संध्या - सांध्य
स्नायु - स्नायविक
संयम - संयत
स्नेह - स्नेंहिल
संदेह - संदिध
शीर्षक - शीर्ष
स्मृत - स्मरणीय
हित - हितकारी
हवा - हवाई
हरण - हत
हर्ष - हर्ष्ट
क्षमा - क्षम्य
क्षत्रिय - क्षात्र
अक्षम - अक्षम्य
क्षोभ - क्षुब्ध
नीचे दिए गए विशेषण शब्दों को उचित विशेष्य से मिलाइए :
(क) शानदार
(ख) सच्चा
(ग) कीमती
(घ) महान
(ङ) पूज्य
(च) अनुकूल
(छ) दाहिनी
(ज) अद्भुत
• सामान
• कार्य
• पिताजी
• परिस्थिति
• मकान
• भुजा
• चमत्कार
• हृदय
दिये गये शब्दों के उचित विशेषण और विशेष्य इस प्रकार होंगे :
(क) शानदार : मकान
(ख) सच्चा : हृदय
(ग) कीमती : सामान
(घ) महान : कार्य
(ङ) पूज्य : पिताजी
(च) अनुकूल : परिस्थिति
(छ) दाहिनी : भुजा
(ज) अद्भुत : चमत्कार
व्याख्या :
विशेषण : विशेषण उन शब्दों को कहते हैं, जो किसी संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं। विशेषण संज्ञा शब्द के लिए सौंदर्यीकरण का काम करते हैं, क्योंकि यह संज्ञा शब्द की विशेषता बताते हैं।
विशेष्य उन शब्दों को कहते हैं, जिनकी विशेषता प्रकट की जाती है।
विशेषण के चार भेद होते हैं।
- गुणवाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
विशेषण अविकारी शब्द होते हैं। अविकारी शब्द वे शब्द होते हैं, जिनमें लिंग, वचन और कारक की दृष्टि से परिवर्तन किया जा सकता हो। विशेषण के अतिरिक्त संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया भी अविकारी शब्द होते हैं।
#SPJ3
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