नीचे दी गई पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए
(ख) होती सीमाहीन क्षितिज से इन पंखों की होड़ा-होड़ी या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती सांसों की डोरी।
(ग) हम बहता जल पीने वाले मर जाएंगे भूखे प्यासे कहीं भली है कटुक निबोरी कनक कटोरी की मैदा से।.
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ख) होती सीमाहीन क्षितिज से इन पंखों की होड़ा-होड़ी, या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी। नीड़ न दो, चाहे टहनी का आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो, लेकिन पंख दिए हैं, तो आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।
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