Hindi, asked by rsahu01801, 6 months ago

नीडो से झांक रहे होंगे या ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितने चंचलता है दिन जल्दी जल्दी ढलता उपयुक्त पंक्ति में निहित भाव सौंदर्य एवं शिल्प सौंदर्य को लिखिए​

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Answered by shishir303
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नीड़ों से झाँक रहे होंगे-

यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है !

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !

संदर्भ ► यह पंक्तियां हरिवंश राय द्वारा रचित कविता ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता से उद्धृत की गई हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने प्रेम और वात्यल्य की व्याकुलता को प्रदर्शित किया है।

व्याख्या ► कवि प्रकृति के माध्यम से पक्षियों का उदाहरण देकर कहने का प्रयास करता है कि जिस तरह चिड़िया दिन ढलने के उपरांत चंचल हो उठती हैं और वे जल्दी से जल्दी अपने घरों यानी घोंसलों में पहुंचना चाहती हैं, उन्हें चिंता रहती है कि उनके बच्चे भोजन की आस में घोंसलों से बाहर झांक रहे होंगे और इस बात का स्मरण आते ही उनके पंखों में अनोखा बल और तेजी आ जाती है और वे अपने शीघ्र से शीघ्र अपने घोंसलों तक पहुंचने का प्रयत्न करती हैं।

भाव सौंदर्य ► इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने वात्सल्य भाव की व्यग्रता को प्रकट किया है और यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया है कि वात्सल्य भाव प्रकृति संसार के सभी प्राणियों में होता है। यह केवल मनुष्य में ही नहीं पाया जाता बल्कि पशु पक्षियों में भी वात्सल्यता की तीव्रता मनुष्य की भांति ही होती है। पशु-पक्षी भी संवेदनशील होते हैं।

शिल्प सौंदर्य ► कविता में तत्सम शब्दावली का प्रयोग किया गया है। ‘जल्दी-जल्दी’ शब्द में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की प्रतीति होती है। सरल, सहज और भावानुकूल खड़ी बोली का प्रयोग कर स्वाभाविक अभिव्यक्ति को प्रकट किया गया है।

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