Social Sciences, asked by payalvishwakarma702, 4 months ago

नागफनी पौधे का कौन सा भाग पत्तीयो के रुपांतरण से बनता है​

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Answered by vaishnaviupadhyay39
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Answer:

नागफनी (कैक्टस, Cactus) कैक्टेसी (Cactacae) कुल के पौधे हैं। ये पश्चिमी गोलार्ध के देशज हैं और कैनाडा से पैटागोनिया तक फैले हुए हैं। ये मरुभूमि के पौधे कहे जाते हैं, क्योंकि पानी के अभाव में भी ये पनपते हैं। इसी कारण इन्हें सूखे क्षेत्र का पौधा भी कहते हैं, यद्यपि ये ऊँचे पर्वतों, उष्ण, आर्द्र उष्णकटिबंध क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं। भारत में शोभा के लिए, विचित्र आकारों तथा आकर्षक रंगों के फूलों के कारण, बागों में या शौक के कारण घरों में गमलों में लगाए जाते हैं। नागफनी के पौधे बहुत धीरे-धीरे बढ़ते और बहुत दिनों तक जीवित रहते हैं। कटे हुए तने से पौधे तैयार होते हैं।

नागफनी की लगभग 25 जातियाँ पाई गई हैं। ये अधिकांश मेक्सिको, दक्षिण अमरीका और वेस्ट इंडीज में फैली हुई हैं, इनसे मिलते जुलते अनेक जीनस या वंश भी हैं। ये अनेक आकार के होते हैं, छोटे से छोटे तीन इंच तक के और बड़े से बड़े 70 फुट तक के होते हैं। सब से बड़ा कैक्टस साग्वारो (Saguaro, Cereus giganteus) होता है, जो दक्षिण-पश्चिम अमरीका की पथरीली घाटियों और पर्वतों के आस पास बहुतायत से पाया जाता है, सबसे छोटा मैमेरिया फ्राजाइलिस (Mammillaria fragilis) अँगूठे के बराबर होता है।

अधिकांश कैक्टसों में पत्ते या टहनियाँ नहीं होतीं, इनके तने साँप के फन के आकार के गूदेदार मोटे दलवाले होते हैं। इन दलों में बहुत काँटे होते हैं। कुछ काँटे ऐसे कड़े होते हैं कि वे ग्रामोफोन की सूइयों या आलपिन का काम दे सकते हैं। इनके अनेक प्रकार के रूप बेलनाकार, गोलाकार, स्तंभाकार, और चिपटे होते हैं। कुछ में तरबूज की तरह धारियाँ होती है और कुछ में बाहर निकले हुए कोणाकार या चिकने प्रोदवर्ध (protuberance) होते हैं। इनमें अधिकांश में पत्ते नहीं होते। जहाँ पत्ते होते हैं वहाँ उनका आकार बहुत छोटा होता है। इनमें कुछ के फूल अपेक्षया बड़े आकार के और रंग-बिरंगे तथा आकर्षक होते हैं। फूलों के रंग सफेद, पीले, नीले, लाल और अन्य विभिन्न आभाओं के होते हैं। कुछ फूल लंबे नलाकार और कुछ छोटे नलाकार होते हैं। कुछ लोग इन फूलों के कारण ही नागफनी को बागों में लगाते हैं। इनके आकार भी विचित्र-विचित्र प्रकार के होते हैं। कुछ में फल भी लगते हैं। ओपंशिया का फल 'इंडियन फिग' के नाम से ज्ञात है और खाया भी जाता है।

पूर्वी गोलार्ध के पूर्वी अफ्रीका, मैडागास्कर और श्रीलंका में पाई जानेवाली एकमात्र नागफनी रिपसालिस (Rhipsalis) है, पर अब अनेक अमरीकी कैक्टस भी भरत, मलाया, आस्ट्रेलिया भूमध्यसागर के क्षेत्रों में उपजते हैं। ऐसे पौधों में निम्नलिखित उल्लेखनीय हैं :

ओपंशिया (Opuntia)- इसे 'इंडियन कैक्टस' भी कहते हैं। ओपंशिया की 250 जातियाँ मालूम हैं, यह उत्तरी अमरीका, वेस्ट इंडीज, दक्षिणी अमरीका में चिली तक फैला हुआ पाया जाता है। इसे आस्ट्रेलिया में भी लगाया गया है पर वहाँ सारे क्षेत्र में फैलकर यह संकट का कारण बन गया। इसका नाश करने के लिए वहाँ कुछ काँटों और कैक्टस रोगों को फैलाना पड़ा था।

इसके फूल पीले या ललापन लिए पीले होते हैं। इनमें सेब या अंडे के आकार के फल लगते हैं, जो रसदार और मीठे होते हैं। इन्हें खाया जा सकता है। किरमिजी कीड़े इसी पौधे पर पनपकर रंग प्रदान करते हैं। ओपंशिया की एक जाति पैरेस्किया (Pereskia) है, जिसमें चौड़े पत्ते होते हैं और काँटे नहीं होते।

सीरियस (Cereus)- इनके तने लंबे और स्तंभाकार होते हैं। इस जाति की नागफनी साग्वारा है, जो 70 फुट तक ऊँचा पाया गया है। इसके तने में 10 से 20 तक शिराएँ (ribs) होती हैं। इनके फूल बड़े सुंदर और लुभावने होते हैं। इनके फूलों में गंध होती है।

एकाइनी कैक्टस (Echino cactus)- इसे शल्यकी (Hedgehog) नागफनी भी कहते हैं। यह सिरिओइडी (Cereoideae) उपकुल का पौधा है। ये साधारणतया रेगिस्तान में ही उगते हैं। इसकी नौ जातियाँ मालूम हैं। ये गोलाकार, बेलनाकार और धारीवाली होती हैं। इनके फूल बड़े-बड़े, देखने में सुंदर तथा पीले और गुलाबी रंग के होते हैं। इनमें रसदार फल लगते हैं। इनमें कांटे बहुत अधिक होते हैं। एक पौधे में 50 हजार तक कांटे पाए गए हैं। ये उत्तरी और दक्षिणी अमरीका और मेक्सिकों में बहुत अधिक होते हैं।

आर्थिक महत्व- आहार की दृष्टि से नागफनी का कोई महत्व नहीं है, यद्यपि सूखा पड़ने पर मेक्सिकों में इसके फल खाए जाते हैं। फलों को सुखाकर और पीसकर मवेशियों को भी खिलाया जाता है। कुछ नागफनी ठट्टी का भी काम देते हैं। कुछ के काँटे इतने लंबे और दृढ़ होते हैं कि वे ग्रामोफोन की सूइयों और आल्पीन का काम देते हैं। कुछ नागफनी ईधंन का भी काम करते हैं। भारत में ये केवल शोभा के लिए या सुंदर फूलों के लिए बागों या गमले में घरों में लगाए जाते हैं इनके फूल सफेद, पीले, लाल, नीले आदि विभिन्न प्रकार के होते हैं। कुछ नागफनी में संवेदनमंदक (narcotic) गुण होता है। रोगों का नाश करने में भी कुछ नागफनियों के व्यवहार का उल्लेख मिलता है। इनके तनों से पानी निकालकर प्यास भी बुझाई जा सकती है। (राधेश्याम अंबष्टं

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