Hindi, asked by Dhritib11, 3 months ago

निज भाषा कविता का भावार्थ​

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Answered by Anonymous
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'निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल'। मतलब मातृभाषा की उन्नति बिना किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है तथा अपनी भाषा के ज्ञान के बिना मन की पीड़ा को दूर करना भी मुश्किल है।

Answered by sabeenahansdak80313
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nij Bhasa kavita ka sandarbh

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