नौकरी में आरक्षण को लेकर दो मित्रों के बीच हुए संबंध को लगभग 50 शब्दों में लिखिए
Answers
Answer:
दिप्रिंट Logo
होम मत-विमत
मत-विमत
लॉकडाउन के बीच आरक्षण समीक्षा की बात सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल खड़े करती है
सुप्रीम कोर्ट के पिछले कुछ निर्णयों की वजह से दलितों को आंदोलन करते हुए सड़कों पर उतरना पड़ा था और उसके बाद कोर्ट को अपने निर्णयों में सुधार भी करना पड़ा है.
कुश आंबेडकरवादी
27 April, 2020 8:21 am IST
news on supreme court
सर्वोच्च न्यायालय, फाइल फोटो । मनीषा मोंडल/ दिप्रिंट
Text Size: A- A+
आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. सभी लोग अपने घरों में दुबके बैठे हैं. सबके काम धंधे ठप्प पड़ गए हैं. ऐसे समय में माननीय सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी ने बहुजन समाज में हलचल पैदा कर दी है. सवाल ये बनता है कि जब कोर्ट अभी सिर्फ अर्जेंट मैटर ही सुन रहा था, तो ऐसी क्या मुसीबत आन पड़ी थी की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के बीच ही आरक्षण समीक्षा की बात कर दी.
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता और अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों/राज्यों में विद्यालयों में 100 प्रतिशत लोग इन्ही समुदायों के नहीं रखे जा सकते हैं.