Hindi, asked by shaikaadil700, 1 month ago

नौकर पाठ का संदेश कम सेकम (30 से 40) शब् ंमेंविक्तखए ।

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Answered by UTTAMSHARMA84
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Answer:

नौकर पाठ,अनु बंदोपाध्याय जी द्वारा लिखा गया है। प्रस्तुत पाठ में गाँधी जी के बारे में बताया गया है। गाँधी जी शारीरिक परिश्रम से जी नहीं चुराते थे। वे अपना काम स्वयं करना पसंद करते थे। वे स्वयं बैरिस्टर थे , लेकिन सुबह वे हाथ से चक्की पर आटा पीसते थे। साबरमती आश्रम पर भी वे पिसाई का काम करते थे। एक बार आश्रम के कार्यकर्ता ने बताया कि आटा कम पड़ गया है तो वे स्वयं आटा पीसने के काम में जुट गए। एक बार कुछ छात्र, उनसे मिलने आये थे, जिन्हें अपने अंग्रेजी ज्ञान पर घमंड था, तो गाँधी जी उन्हें गेंहू बीनने का काम सौंप दिया, जिससे वे बड़ी मुश्किल में पड़ गए। कुछ समय बाद वे आश्रम के भण्डार को सँभालने में मदद करते थे। वे प्रार्थना के बाद रसोईघर में सब्जियाँ छीलने थे। यदि वे कहीं गन्दगी देखते थे, तो वे स्वयं साफ़ करते थे। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। आश्रम का नियम था कि सभी लोग अपने झूठे बर्तन स्वयं साफ़ करें। यदि कहीं बर्तनों में गंदगी मिलती थी, तो वे स्वयं साफ़ सफाई में जुट जाते थे। उन्हें पता था कि कैसे लोहे के बर्तनों को माँजकर चांदी का सा चमका सकते थे।

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