Hindi, asked by TASKIMKHAN1002, 11 months ago

नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो ! और...... जादू टूटता है इस उषा का अब सूर्योदय हो रहा है। I) काव्यांश का भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। ii) प्रस्तुत काव्यांश की शिल्प संबंधी कोई दो विशेषताएँ लिखिए ।

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Answered by humanity1000
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कवि ने नीले आकाश में चमकते सूरज को नीले जल में झिलमिलाती गौरवर्ण नवयुवती कहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और सफेद चमकता हुआ सूरज सुंदरी की गोरी देह सा प्रतीत होता है।

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