नीलकंठ अध्याय का नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का लेख अपने शब्दों में कीजिए ।
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Explanation:
इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। एक दिन एक साँप जाली के भीतर पहुँच गया। सब जीव-जंतु भागकर इधर-उधर छिप गए, केवल एक शिशु खरगोश साँप की पकड़ में आ गया। ... संभवतः अपनी सहज चेतना से ही उसने समझ लिया होगा कि साँप के फन पर चोंच मारने से खरगोश भी घायल हो सकता है।
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Answer:
मित्र हम आपको नीलकंठ की विशेषताएँ लिखकर दे रहे हैं।
(1) नीलकंठ स्वभाव से दयालु प्रवृति का पक्षी था। तभी तो खरगोश के बच्चे को लेकर सारी रात बैठकर उसको ऊष्मा देता रहा।
(2) नीलकंठ एक सजग व सचेत मुखिया था। जिस तरह घर का एक मुखिया अपने कर्त्तव्यों के प्रति सचेत व सजग रहता है। उसी तरह नीलकंठ अपने जालीघर के जीव - जंतुओं के लिए था।
(3) नीलकंठ एक साहसी मोर था। नीलकंठ के साहस के कारण ही उसने खरगोश को साँप से बचा लिया था। अगर वह साहस न दिखाता तो खरगोश बच नहीं पाता |