नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे बच्चे को सांप से किस तरह बचाया इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
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Explanation:
नीलकंठ ने सांप को फन के पास पंजे से दबाया और फिर चोच मारकर उसे अधमरा कर दिया इस प्रकार नीलकंठ ने खरगोश के बच्चों को सांप से बचाया
Answer:
जब साँप ने खरगोश के बच्चे को निगलने के लिए उसे
अपने मुँह में भर लिया तो बच्चे की धीमी सी चीख निकली |
अपने झूले पर बैठे नीलकंठ ने वह चीख सुन ली और झटपट
साँप के पास आ गया | साँप के फन के नीचे पंजों से पकड़ कर
प्रहार करने लगा | पकड़ ढीली होने पर खरगोश का शावक साँप
के मुँह से बाहर आ गया |नीलकंठ के स्वभाव की निम्न
विशेषताएँ है –
१. वह दयालु स्वभाव का था | साँप के टुकड़े करके उसने
खरगोश के शावक को बचाया |
२. वह सभी पक्षियों के साथ मेल-जोल से रहता था |
३. अन्य सभी जीव-जंतुओं को वह अपना संरक्षण प्रदान करता
था |
४. अपनी स्वामिनी (लेखिका) के मनोभावों को पहचानकर वह
नृत्य की मुद्रा में खड़ा हो जाता था |
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