Hindi, asked by bhumi3326, 5 months ago

निम्िलिखित गदयधंश से संबंधर्त प्रश्िों के उत्ति दीजिए – 5


वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नह ीं देखा। उसके चेहरे पर

एक स्थायी ववषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दखु , हानन-लाभ, ककसी भी दशा में उसे बदलते नह ीं

देखा।ऋवषयों-मुननयों के जितन गुण हैं, वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुुँच गए है; पर आदमी उसे बेवकूफ

कहता है। सद्गुणों का इतना अनादर कह ीं नह ीं देखा। कदाचचत सीधापन सींसार के ललए उपयुक्त नह ीं है।


(क) कहानी तथा कहानीकार का नाम ललखखए |


(ख) यहाुँ ककसका वणणन है ?


(ग) वैशाख में कुलेल करने का आशय स्पष्ट कीजिए।


(घ) ‘स्थायी ववषाद’ का क्या आशय है ?


(ङ) पराकाष्ठा का अथण स्पष्ट कीजिए ।​

Answers

Answered by ankitabareth2007
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निम्िलिखित गदयधंश से संबंधर्त प्रश्िों के उत्ति दीजिए – 5 वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नह ीं देखा। उसके चेहरे पर एक स्थायी ववषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दखु , हानन-लाभ, ककसी भी दशा में उसे बदलते नह ीं

Answered by khushipatelkvbhu8b36
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Explanation:

(१)कहानी का नाम दो बैलों की कथा कहानीकार का नाम प्रेमचंद।

(२) यहां गधे का वर्णन है।

(३)वैशाख में कुलेल करने का आशय है एकाध बार खेल लेता है।

(४)स्थायि विषाद का मतलब एक ऐसा दुःख जो हमेशा रहता है

(५)पराकाष्ठा का अर्थ अंतिम सीमा है।

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