निम्िलिखखत गद्यंश को ध््यिप
ू
र्वक पढ़कर प
ू
छे गए प्रश्िों के उत्तर दीजिए – (1x6=6)
एक प्रससद्ध कवव और िाटककार का कथि है –“ समय को मैंिे िष्ट ककया ,अब समय म
ुझे
िष्ट कर रहा है | मि
ु
ष्य का जीवि अम
ू
ल्य है , जो संसार में ववसशष्ट स्थाि रखता है|
समय ककसी की प्रतीक्षा िहीं करता | प्रक
ृ
नत के समस्त कायय नियत समय पर होते हैं|
समय की गनत बहु
त तीव्र होती है | जो उससे वपछ्ड़ जाता है ,वह सर्दैव पछताता रहता है |
तु
लसीर्दास जी िे ठीक ही कहा है -“समय च
ू
कक प
ु
नि का पनछतािे,का वर्ाय जब क
ृ
वर्
सु
खािे|” अतः आवश्यकता है,समय के सर्दप
ु
योग की; समय वह धि है जजसका सर्दप
ु
योग ि
करिे से वह व्यथय चला जाता है | हमें समय का महत्त्व तभी ज्ञात होता है जब र्दो समिट
बबलंब के कारण गाड़ी छूट जाती है| जीवि में वे ही व्यजतत सफल हो पाते हैंजो समय
का पालि करते हैं| हमारे र्देश में समय का र्दरु
ु
पयोग बहु
त होता है | बेकार की बातों में
व्यथय समय गाँवाया जाता है | बहु
त से ववद्याथी समय गाँवािे में ही आिंर्द का अि
ु
भव
करते हैं| यह प्रवज
ृत्त हानिकारक है| ज
ू
सलयस सीजर सभा में पााँच समिट र्देरी से पहु
ाँचा और
अपिे प्राणों से हाथ धो बैठा | अपिी सेिा के क
ु
छ समिट र्देर से पहु
ाँचिे के कारण
िेपोसलयि को िेल्सि से पराजजत होिा पड़ा | समय ककसी की बाट िहीं र्देखता है |
1. उपय
ु
तय त गद्य-अवतरण के सलए उपय
ु
तत शीर्यक सलखखए |
2. एक प्रससद्ध िाटककार का तया कथि है?
3. समय का सर्दप
ु
योग ि करिे के कारण क
ु
छ प्रम
ु
ख लोगों को ककस प्रकार के
ि
ु
कसाि हु
ए, सलखखए |
4. समय के र्दरु
ु
पयोग पर र्दो पंजततयों में अपिे ववचार सलखखए |
5. हमारे र्देश में समय का र्दरु
ु
पयोग कैसे ककया जाता है?
6. समय के सर्दप
ु
योग को लेकर महा कवव तु
लसीर्दास की उजतत सलखखए I
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itna lamba question hai
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