नाम मात्र व वास्तविक कार्यपालिका के दो दो उदाहरण
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प्रशासन के समस्त कार्य उसी के नाम से संचालित किए जाते हैं जबकि उन कार्यों के सम्पादन में वास्तविक शक्ति का प्रयोग वास्तविक कार्यपालिका द्वारा किया जाता है । भारत व ब्रिटेन की शासन व्यवस्थाओं में इसका अच्छा उदाहरण देखने को मिलता है । भारत में 'राष्ट्रपति' तथा ब्रिटेन में 'सम्राट' का पद नाममात्र की कार्यपालिका का है ।.','.
नाम मात्र व वास्तविक कार्यपालिका के दो दो उदाहरण?
नाम मात्र की कार्यपालिका और वास्तविक कार्यपालिका के दो उदाहरण इस प्रकार हैं :
भारत के राष्ट्रपति का पद नाम की कार्यपालिका है। ब्रिटेन के सम्राट या महारानी का पद नाममात्र की कार्यपालिका है।
भारत के प्रधानमंत्री का पद वास्तविक कार्यपालिका है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद वास्तविक कार्यपालिका है।
व्याख्या :
नाममात्र की कार्यपालिका से तात्पर्य उस कार्यपालिका से हैं जो केवल नाममात्र को हो या औपचारिक रूप से संस्था की प्रमुख होती है। जिसका कार्य केवल हस्ताक्षर करना है। नीतिगत संबंधी रमेश निर्णय लेना तथा सक्रिय रूप से सत्ता का संचालन करना उसका कार्य नहीं होता। वह केवल वास्तविक कार्यपालिका के सुझावों के अनुसार कार्य करता है और उसके पास सीमित शक्तियां होती हैं। वह केवल विशिष्ट अवसरों पर राष्ट्र के प्रमुख के रूप में औपचारिक कार्यों का निर्वहन करता है। ब्रिटेन के राजा महारानी कथा भारत के राष्ट्रपति इसी तरह के नाम मात्र की कार्यपालिका है।
वास्तविक कार्यपालिका में शासन व्यवस्था सक्रिय रुप से संचालन किया जाता है और देश के सभी नीतिगत निर्णय लेने का कार्य वास्तविक कार्यपालिका करती है। भारत का प्रधानमंत्री पद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद इसी तरह की वास्तविक कार्यपालिका है ।
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