। निम्न गद्यांश को पड़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए इस संन्यासी ने कभी सोचा था या नहीं कि उसकी मृत्य पर कोई रोयेगा । लेकिन उस छड़ रोने वालो की कमी नही थी । इस तरह वह हमारे बीच से चला गया जो हममें से सबसे अधिक छायादार फल - फूल गध से भरा और सबसे अलग सबका होकर सबसे ऊंचाई पर , मानीय करुणा की दिवया चमक में लहलहाता आ खड़ा था, जिसकी स्मृति हम सबके मन में ,जो उनके निकट थे, किसी यज्ञ की पवित्र आग की आंच की तरह आजीवन बनी रहेगी , मैं उस पवित्र ज्योति की याद में श्रद्धानवत हूं । क) लेखक ने फादर कामिल बल्के को श्रद्धांजलि कैसे अर्पित की ? फादर बुल्के को छायादार फल - फूल गंध से भरा क्यों कहा गया है ? ख) किसकी स्मृति हमारे मन में है ? और वह किस तरह आजीवन हमारे मन में रहेगी ? लेखक के लिए फादर क्या थे?
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(क) लेखक ने फादर कामिल बल्के को श्रद्धांजलि कैसे अर्पित की? फादर बुल्के को छायादार फल- फूल गंध से भरा क्यों कहा गया हैं ?
उत्तर - लेखक ने भावभीनी श्रद्धांजलि में अर्पित की। लेखक ने कहा कि वे संन्यासी थे। उन्हें परोपकारी वृक्ष की उपमा देते हुए लेखक ने बताया कि वे मानवीय करूणा से ओतप्रोत थे। उनकी यादें यज्ञ की पवित्र अग्नि की भांति हमेशा दिलों मे रहेंगी।
चूंकि वृक्ष परोपकार का प्रतीक हैं। वह फल- फूल और सुगंध प्रदान करता हैं। इसमें वृक्ष का कोई स्वार्थ नहीं होता हैं। वह निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करता हैं। इसी प्रकार फादर भी परोपकारी व्यक्ति थें।
(ख) किसकी स्मृति हमारे मन में हैं? और वह किस तरह हमारे मन में रहेगी? लेखक के लिए फादर क्या थे ?
फादर बुल्के के परोपकार के कार्यो की स्मृति हमारे मन में हैं।
जिस प्रकार यज्ञ की ज्योति का फल नष्ट नहीं होता हैं। वह सदैव बना रहता हैं। उस प्रकार उनके परोपकार के कार्यो का फल कभी नष्ट नहीं होगा, तथा वह सदैव हमारे मन में बना रहेंगा।
लेखक के लिए फादर एक परोपकारी वृक्ष के समान थे। जो निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करते थे, और जिनकी स्मृति सदैव सबके हृदय में रहेगी।