निम्नांकित पंक्ति में पहचान कर बताइए कि कौन-सा रस है ? उस रस की परिभाषा देते हुए उसका स्थायी भाव भी लिखिए—
प्रिय पति वह मेरा प्राण प्यारा कहाँ है
दुःख जलनिधि डूबी का सहारा कहाँ है ।
लख मुख जिसका आज लौं जी सकी हूँ,
वह ह्रदय हमारा नैन तारा कहाँ है ।।
Answers
प्रिय पति वह मेरा प्राण प्यारा कहाँ है
दुःख जलनिधि डूबी का सहारा कहाँ है ।
लख मुख जिसका आज लौं जी सकी हूँ,
वह ह्रदय हमारा नैन तारा कहाँ है ।।
निम्नांकित पंक्ति में करुण रस है |
निम्नांकित पंक्ति का शोक भाव है |
करुण रस
करुण रस का स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं|
करुण रस उदहारण
यदि कोई दुर्घटना हो जाती है और उस दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं और उस घटना से अन्य लोग दुखी रहते हैं |
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घ) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में रस पहचानका
वह लता वहीं की, जहाँ कली
तू खिली, स्नेह से हिली, पली
अंत भी उसी गोद में शरण
ली, मूंदे दृग वर महामरण ! with explained please
Answer:
करुण रस
Explanation:
यहां पर पत्नी अपने पति के गुजर जाने का शोक मना रही है अर्थात शोक का स्थाई भाव है इसलिए यहां करुण रस है!