Hindi, asked by abagdadi868, 5 months ago

निम्न कव्यंस को पढ़कर इसकी प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए। उची काली दीवारों के घरे में , डाकू चोर बदमासो के डेरे में,जीने को देते नहीं भर पेट खाना, मारने भी नहीं देते तड़प रहा जाना, जीवन पर अब दिन रात कड़ा पहरा है शासन है या तम का प्रभाव गहरा है हिमकर निरश कर चला रात भी काली , इस समय का लिया गए जगी क्यों आली ।क्यों हुक पड़ी? कोकिल बोलो तो?​

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Answered by ayushisagar1000
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Answer:

व्याख्या

कवि अपने और जेल में बन्द अन्य कैदियों के सम्बन्ध में कायेल से कहता है हम क्रान्तिकारी देशभक्त इस जेल की ऊँची काली दीवारों के घेरे में कैद है। वस्तुतः यह स्थान तो उनका निवास है जो डाकू, चोर, लुटेरे जैसे अपराधी है। जेल में पेट भरकर भोजन नहीं दिया जाता है, जिससे हमें न तो जीने देते है और न मरने देते है। हम तो यहाँ तङफते रहते है। यहाँ पर अंग्रेज सरकार का हम पर रात-दिन कङा पहरा रहता है। अंग्रेज शासन का प्रभाव गहरे अंधकार के समान है। चन्द्रमा भी अस्त हो गया है, अब हम निराश होकर काली रात में जी रहे है। ऐसे में हे काली कोयल! तुम क्यों जाग रही हो ?

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