निम्न लिखित गद्यांश को पढ़ कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- मनुष्य का दुराचार ही व्यापक रूप धारण करके भ्रष्टाचार का स्थान ग्रहण कर लेता है। बुराइयों के समूह का नाम ही भ्रष्टाचार है,जो अंदर ही अंदर समाज को खोखला किए जा रहा है।भ्रष्टाचार वह दीमक है,जो राष्ट्र को खोखला कर देता है।जिस देश में भ्रष्टाचार का रोग फैल जाता है,उसका नैतिक पतन होने लगता है।दुर्भाग्य से आज भारत का यही हाल है।भारत भ्रष्टाचार के जाल में फंसा हुआ है।भ्रष्टाचार के अनेक कारण हैं।इसकी जड़े बहुत गहरी हैं।इसके पीछे कई शताब्दियों का इतिहास है।मनमानी करने वाले नौकरशाही,कभी भी पींड न छोड़ने वाली गरीबी और चारों ओर फैली चरित्रहीनता, जिसने भ्रष्टाचार को जन्म दिया है। 1.भ्रष्टाचार किस समूह का नाम है ? 2.कौन व्यापक रूप धारण करके भ्रष्टाचार का स्थान ग्रहण कर लेता है? 3.भ्रष्टाचार की तुलना किससे की गई है? 4.भ्रष्टाचार के बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं? 5.गद्यांश को उपयुक्त शीर्षक दीजिए। Reading comprehension
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1 . burayi
2 . manushy
3 . gahari
4 . it's in 5 th line
5 . I am writing brastachar ka arth you can write brastachar ka jankari
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