निम्नालाखत गद्याश पढ़कर एसे पांच प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य म हाकिहा
दाक्षण और पश्चिमी भारत में स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा समाज सेवा की एक पुरानी परंपरा है। सादा जीवन, उच्च
विचार और कठिन परिश्रम। इस परंपरा में अनेक स्वैच्छिक संस्थाएँ विकसित हुई हैं। उनमें से कुछ संस्थाएँ पर्यावरण का
सुरक्षा में भी काम कर रही है। इन संस्थाओं को काफी पढ़े-लिखे लोगों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों का सामयिक सहयोग
मिलता रहता है। अभाग्यवश अनेक स्वैच्छिक संस्थाएँ दलगत राजनीति में अधिक विश्वास करती हैं और उनके आधार पर
सरकारी सहायता लेने का प्रयास करती हैं। पर्वतीय क्षेत्र में सादगी की अभी यही व्यवस्था चलती है और इसलिए चिपको
आंदोलन बहुत हद तक सफल हुआ है। गाँधी शांति प्रतिष्ठान' तथा कुछ गांधीवादी संगठनों ने भी इस दिशा में प्रशंसनीय
कार्य किया है। सरला बहन ने अल्मोड़ा में इस काम की शुरुआत तब की थी, जबकि पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता
नहीं थी। श्री प्रेमभाई और डॉ. रागिनी प्रेम ने मिर्जापुर में पर्यावरण पर प्रशंसनीय काम किया है।
बोर्ड की कृतिपत्रिका : मार्च 2019
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Explanation:1 kis parampara me anek sansthan prabhavit hue he?
2 in sansthanon ko kiska shayog he?
3 kisne mirjapur me prasansniya kam kiya he?
4 bord ki kratipatrika btaiye?
5 kin sangathanon ne ispr kary kiya?
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सरकारी सहायता लेने का प्रयास करती हैं। पर्वतीय क्षेत्र में सादगी की अभी यही व्यवस्था चलती है और इसलिए चिपको
आंदोलन
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