निम्न में से हरिशंकर परसाई का निबंध संग्रह है
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प्रश्न में हरिशंकर परसाई के कोई निबंध नही दिए गए हैं, इसलिये हरिशंकर परसाई के कुछ निबंध संग्रहों के नाम इस प्रकार हैं...
- प्रेमचंद के फटे जूते,
- शिकायत मुझे भी है,
- भूत के पाँव पीछे,
- बेईमानी की परत,
- पगडंडियों का जमाना,
- सदाचार का तावीज,
- तुलसीदास चंदन घिसैं।
- वैष्णव की फिसलन,
- तब की बात और थी,
- विकलांग श्रद्धा का दौर,
- ऐसा भी सोचा जाता है,
- और अंत में,
व्याख्या :
हरिशंकर परसाई हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध व्यंग्यकार और निबंधकार रहे हैं।
हिंदी साहित्य में व्यंग्य विधा का के लेख और निबंध सर्वप्रथम प्रयोग करने का श्रेय हरिशंकर परसाई को जाता है। हरिशंकर परसाई हिंदी साहित्य के पहले रचनाकार थे, जिन्होंने व्यंग्य को हिंदी में एक विधा का दर्जा दिलाया। उन्होंने अपनी व्यंग्यात्मक रचनाओं के माध्यम से व्यंग्य को हल्के-फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिपाटी से उठाकर समाज के यथार्थ और सामाजिक संदर्भों से जोड़ा।
हरिशंकर परसाई द्वारा रचित रचनाएं ना केवल मन में गुदगुदी पैदा करती थीं बल्कि वह समाज के यथार्थ से भी रूबरू कराती थीं। हरिशंकर परसाई अपनी रचनाओं के माध्यम से तत्कालीन राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा मध्यमवर्गीय व्यक्ति की व्यथा को उकेरा है।